Mumps Symptoms: शरीर की इम्युनिटी कमजोर होने पर व्यक्ति जल्द बीमारियों की चपेट में आ जाता है। संक्रामक बीमारियां इनमें से एक हैं, जो व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली पर जल्द प्रहार करती हैं। इन संक्रामक बीमारियों में ऐसी ही एक बीमारी है मम्प्स। इसे गलसुआ रोग के नाम से भी जाना जाता है। इस बीमारी के होने पर कान के आसपास सूजन, सिर दर्द व बुखार जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। इसके लक्षण टॉन्सिल से मिलते-जुलते हुए हैं, इसी वजह से कई बार लोग इसे नजरअंदाज भी कर देते हैं।
यदि इस बीमारी में लापरवाही बरती गई तो व्यक्ति सुनने की क्षमता भी खो सकता है। मम्प्स वायरस को लेकर लोगों को आगाह कर रहे हैं, इंदौर स्थित कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल के कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन डॉ. योगेश शाह, आइए जानते हैं इस बीमारी से जुड़ी जरूरी बातें।
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क्यों होता है मम्प्स वायरस संक्रमण?
मम्प्स एक वायरल इंफेक्शन है, जो सलाइवरी ग्लैंड को बुरी तरह प्रभावित करता है। इस वायरस के कारण चेहरे के दोनों तरफ की ग्रंथियां सूज जाती हैं, जिसे पैरोटाइटिस या कण्ठमाला भी कह सकते हैं। आमतौर पर यह बीमारी बच्चों में देखी जाती है लेकिन विशेष मामलों में बड़े लोग भी इसकी चपेट में आ जाते हैं।
छींक आने के साथ ही नाक और गले से निकलने वाले संक्रामक ड्रॉपलेट्स के संपर्क में आने से मम्प्स वायरस तेजी से फैलता है। संक्रमित होने के 1 से 2 सप्ताह बाद इस बीमारी के लक्षण उभरकर आते हैं। इसके लक्षण बिल्कुल फ्लू जैसे ही होते हैं। यह भी देखा गया है कि यह वयस्कों में अंडकोष को प्रभावित कर सकता है और शुक्राणुओं की संख्या में कमी ला सकता है।
वायरस के लक्षण
- बुखार
- सिरदर्द और कान का दर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- थकान
- भूख में कमी
यह लक्षण आम तौर पर संक्रमण के 16-18 दिनों के बाद दिखाई देते हैं, लेकिन यह अवधि संक्रमण के 12-25 दिनों तक की भी हो सकती है। यदि इनमें से कोई भी लक्षण नजर आएं तो ऐसे में चिकित्सक से तुरंत सलाह लें।
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इन बातों की रखें सावधानी
- मरीज को खांसते, छींकते या बातें करते समय मुंह पर रुमाल रखना चाहिए।
- ऐसी वस्तुएं साझा करने से बचें, जिसमें लार हो सकती है, जैसे- पानी की बोतल या कप आदि।
- दूसरों के साथ निकट संपर्क वाली गतिविधियों में भाग लेने से बचें, जैसे- खेल खेलना, नृत्य करना आदि।
- संक्रमित व्यक्ति को सामाजिक कार्यक्रमों में शामिल नहीं होना चाहिए।