Collagen Rich Foods: हर कोई चाहता है कि उसकी स्किन और बाल मजबूत और चमकदार रहें। इसके लिए शरीर में पर्याप्त मात्रा में कोलेजन का होना जरूरी है। कोलेजन एक प्रोटीन है जो कि बालों, स्किन और हड्डियों के लिए जरूरी होता है। आमतौर पर 25 साल की उम्र तक शरीर में कोलेजन की कमी नहीं होती है लेकिन इसके बाद धीरे-धीरे ये घटने लगता है। ऐसे में ये जरूरी हो जाता है कि 30 की उम्र के बाद हम ये सुनिश्चित करें कि शरीर में कोलेजन की कमी न हो। इन दिनों हेल्थ एंड फिटनेस इंडस्ट्री के साथ ही ब्यूटी मार्केट में भी कोलेजन सप्लीमेंट्स का बोलबाला है। हालांकि आप राइट में पर्याप्त मात्रा में कोलेजन रिच फूड्स लेकर इस कमी को दूर कर सकते हैं।
क्यों जरूरी है कोलेजन
कोलेजन हमारे शरीर के लिए कई तरह से लाभकारी होता है। हेल्थलाइन के मुताबिक कोलेजन स्किन हेल्थ को बढ़ावा देता है और इसे मॉइश्चराइज़ रखने के साथ नेचुरल ग्लो बरकरार रखता है। कोलेजन स्किन टाइटनिंग में भी हेल्प करता है और वक्त से पहले त्वचा पर झुर्रिया नहीं आने देता। लंबे और घने बालों के लिए भी कोलेजन बेहद जरूरी होता है।
कोलेजन रिच फूड्स
बोन ब्रॉथ (Bone Broth) - जानवरों की हड्डियों और कनेक्टिव टिश्यू से बोन बोर्थ को तैयार किया जाता है। हालांकि हाल ही में हुई स्टडी में ये पाया गया है कि बोन ब्रॉथ कोलेजन का विश्वसनीय स्त्रोत नहीं भी हो सकता है, लेकिन ये कोलेजन का सबसे चर्चित सोर्स माना जाता है। इसे जानवरों की हड्डियों को पानी में उबालकर तैयार किया जाता है।
अंडा - एग्स यानी अंडे में जानवरों की तरह सीधे तौर पर कनेक्टिव टिश्यूज नहीं होते हैं, लेकिन अंडे की सफेदी में कापी प्रोलाइन पाया जाता है जो कि एक अमीनो एसिड होता है और कोलेजन प्रोडक्शन के लिए जरूरी होता है।
खट्टे फल - विटामिन सी प्रो-कोलेजन प्रोडक्शन में अहम भूमिका निभाता है। इससे बॉडी कोलेजन तैयार करने में सक्षम होती है। नींबू, संतार और खट्टे मौसमी फलों में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है जो कि शरीर में कोलेजन को बूस्ट करने में मदद करता है।
मछली - नॉनवेज में मछली भी शरीर में कोलेजन की कमी को दूर करने का अच्छा सोर्स होती है। सार्डिन, साल्मन और मैकेरल मछलियों को डाइट में शामिल कर शरीर में कोलेजन प्रोडक्शन को बढ़ा सकते हैं।
ट्रॉपिकल फ्रूट्स - वेजिटेरियन लोग ट्रॉपिकल फलों का सेवन कर शरीर में कोलेजन प्रोडक्शन को बढ़ा सकते हैं। आम, कीवी, पाइनएप्पल और अमरूद में काफी विटामिन सी होता है और कुछ मात्रा में जिंक भी पाया जाता है जो कि कोलेजन प्रोडक्शन का अन्य फैक्टर होता है।
लहसुन - अपनी डाइट में लहसुन को शामिल कर शरीर में कोलेजन प्रोडक्शन को गति दी जा सकती है। लहसुन में सल्फर की मात्रा काफी ज्यादा होती है, जो कि कोलेजन को तोड़ने से रोकने और सिंथेसाइज़ करने में मदद करता है।