Agriculture summer News: भारत एक कृषि प्रधान देश है, यहां के अधिकांश आबादी आज भी लगभग 60 प्रतिशत से अधिक जीवनयापन के लिए खेती पर निर्भर है। ऐसे में किसानों का हमेशा यही प्रयात रहता है कि कम समय व कम लागत में अधिक पैदावार किया जा सके। किसान जल्दी तैयार होने वाली फसलों को उगाने में प्राथमिकता भी देते हैं। गर्मी के समय मार्च में गेहूं, अरहर, तिल व मटर की कटाई के बाद खेत खाली हो जाता है। उस समय खेत में मूली, खरबूजा, खीरा, ककड़ी, धनियां जैसे कई फसल की उपज कर सकते है। ये फसल बुआई के 50 दिन अंदर ही मंडियों में बेचने के लिए तैयार हो जाती हैं, जिससे कम समय में फसल तैयार होने पर किसान की आमदानी भी बढ़ जाती है। आइए जानते हैं कौन सी वह फसलें हैं?
मूली (Radish)
मूली को आप किसी भी समय लगा सकते हैं और ये जल्दी तैयार भी हो जाती होती है। मूली के जड़ यानि कन्द को सभी सीजन में सलाद के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसके अलावा इसकी पत्तियां भी साग बनाने के काम भी आती हैं। ऐसे में आप कम समय में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
खरबूजा (Melon)
खरबूजा की फसल गर्मियों के समय साल में एक बार उगाया जाता है, यह खाने में बहुत ही स्वादिष्ट व स्वास्थवर्धक होता है, इसकी खेती रेतीली भूमि में अधिक पैदावार करती है। इसकी एक खास बात यह है कि इसकी सिंचाई की आवश्यकता कम होती है। इसलिए इसको गर्मियों में खेत खाली होने पर आसानी से लगाया जा सकता है।
खीरा (Cucumber)
खीरा गर्मियों में खाने के लिए काफी फायदेमंद होता है। यह बेहद जल्द तैयार होने वाली फसल है। खीरा अधिक ठंडी को सहन नहीं कर पाता, इसलिए गर्मियों में इसे उगाना उपयुक्त है। यह कम समय में अधिक पैदावार देने वाली फसल है। इसको लगाने से कम लागत और समय में अच्छी कमाई की जा सकती है।
ककड़ी और तरबूज की फसल (Cucumber and Watermelon)
गर्मियों के सीजन में सबसे अधिक तरबूज और ककड़ी का सेवन खाने में किया जाता है। यह केवल गर्मियों में ही उगाई जाती है। क्योंकि ककडी व तरबूज की खेती के लिए गर्म जलवायु की जरूरत पड़ती है। इसलिए गर्मियों का मौसम तरबूज और ककड़ी की खेती के लिए अनुकूल होता है।
धनियां (coriander)
धनिया की बुआई करने के 50 दिन में ही मंडियों में बेचने के लिए तैयार हो जाती है। धनियां में किसी प्रकार से रोग व कीट नहीं लगते हैं, साथ ही इसमें सिंचाई बहुत कम करनी पड़ती है। हालांकि धनिया की खेती सभी मौसम में की जा सकती है। लेकिन अगर गर्मियों में खेत खाली होने पर की जाएगी तो इस समय भी मुनाफा कमाया जा सकेगा।