Malpua Recipe: चैत्र नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा की भक्ति के लिए विशेष माने जाते हैं। नवरात्रि के दौरान माता के अलग-अलग स्वरुपों की पूजा-अर्चना की जाती है। चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा का पूजन-अर्चन किया जाता है। माता को पीली चीजें पसंद हैं और उन्हें भोग के तौर पर पारंपरिक मालपुआ बनाया जा सकता है। मालपुआ हमारे यहां कि सबसे पुरानी स्वीट डिशेस में से एक है।
आप अगर घर पर ही मालपुआ बनाना चाहते हैं तो इसे बेहद आसानी से तैयार कर सकते हैं। हमारी बताई विधि आपको इस भोग को तैयार करने में काफी हेल्पफुल साबित होगी।
मालपुआ बनाने के लिए सामग्री
दूध - 2 कप
मावा (खोया) - 1 कप
मैदा - 1 कप
हरी इलायची पिसी - 1/2 टी स्पून
केसर धागे - 1 चुटकी
पिस्ता कतरन - 1 टेबलस्पून
देसी घी - तलने के लिए
चीनी - डेढ़ कप
मालपुआ बनाने की विधि
मां कूष्मांडा को भोग के लिए मालपुआ बनाना आसान है। इसके लिए पहले दूध को गहरे तले वाले बर्तन में डालकर गर्म करें। दूध गुनगुना होने बाद एक अन्य पतीली लें और उसमें एक कप गुनगुना दूध डाल दें। इसमें खोया कद्दूकस कर या मसलकर डालें और तब तक मिक्स करें जब तक मावा-दूध अच्छे से न मिल जाएं। इसके बाद इसमें मैदा मिक्स करें और तब तक डालें जब तक कि सारी गांठे खत्म न हों।
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बाकी बचे मिश्रण में बचा हुआ दूध डालें और जलेबी बनाने जैसा गाढ़ा घोल तैयार कर लें। ध्यान रखें कि दूध थोड़ा-थोड़ा करते हुए डालना है। मालपुआ बनाने के लिए घोल अब तैयार हो चुका है। घोल सैट होने के लिए 15 मिनट तक अलग रखें।
अब एक गहरे तले वाला बर्तन लें और उसमें डेढ़ कप चीनी डालें। इसमें एक कप पानी डालकर दोनों को गर्म करें। जब चीनी पानी में पूरी तरह से घुल जाए तो इसे 4-5 मिनट तक और उबालें। एक तार की चाशनी तैयार करने तक हमें उबालना है। चाशनी बनने के बाद उसमें केसर धागे और इलायची पाउडर डालकर मिक्स करें और अलग रख दें।
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इसके बाद एक चौड़ी कड़ाही में देसी घी डालकर गर्म करें। घी पिघलने के बाद चम्मच से मालपुआ का घोल कड़ाही में डालें। मीडियम आंच पर कड़ाही के मालपुआ पकाएं। मालपुआ हल्के सुनहरे होने तक डीप फ्राई करें और इसके बाद प्लेट में उतार लें।
सारे मालपुआ चाशनी में डुबोकर 10 मिनट के लिए छोड़ दें, इतने वक्त में मालपुआ चाशनी को अच्छे से सोख लेंगे। माता के भोग के लिए मालपुआ बनकर तैयार हो चुके हैं। इन्हें बाउल में निकालें और ऊपर सूखे मेवे की कतरन डालकर सर्व करें।