Self medication risks: अगर आप भी सर्दी-बुखार में खुद से खा लेते हैं दवा, तो हो जाएं अलर्ट! 5 परेशानियों को बिन बुलाए देंगे न्यौता

Self medication risks: सर दर्द हुआ, पेट में थोड़ा दर्द उठा या जुकाम हो गया—हममें से ज़्यादातर लोग तुरंत घर में रखा मेडिकल बॉक्स खोलकर दवा निकाल लेते हैं। कोई पुरानी बची एंटिबायोटिक ले ली, तो किसी ने गूगल पर लक्षण देखकर ही देखकर सिरप पी लिया। लगता है कि डॉक्टर के पास जाने की ज़रूरत नहीं, पर यही आदतें हमें बहुत बीमार बना सकती हैं।
हर दवा का अपना डोज़ होता है, सही समय होता है और उसका असर हर किसी के शरीर पर अलग होता है। आपने किसी से सुनकर तीन इबुप्रोफेन एक साथ खा ली ताकि दांत का दर्द जल्दी ठीक हो जाए, लेकिन इससे न तो दर्द गया और पेट में अल्सर की शुरुआत हो गई। क्या पता जिसे हम एसिडिटी समझ रहे हैं वो हार्ट प्रॉब्लम हो, या जो माइग्रेन लग रहा है, वो हाई ब्लड प्रेशर निकले। ऐसे में दवा लेने से सिर्फ लक्षण छिपते हैं, असली बीमारी बढ़ती रहती है।
एंटिबायोटिक का गलत इस्तेमाल सबसे बड़ी गलती
बिना डॉक्टर की सलाह एंटिबायोटिक लेना या कोर्स पूरा न करना बैक्टीरिया को और ताकतवर बना देता है। एक दिन ऐसा आएगा जब आम एंटिबायोटिक भी काम नहीं करेगी और तब दिक्कत गंभीर हो सकती है।
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हर दवा के हैं साइड इफैक्ट्स
- पैरासिटामोल: ज़्यादा खाएं तो लिवर खराब हो सकता है।
- इबुप्रोफेन: पेट में जलन, अल्सर, किडनी पर असर।
- एंटासिड: गैस और कब्ज, और गंभीर पेट की बीमारी छिप सकती है।
- कफ सिरप: नींद, चक्कर, आदत बन सकती है।
- एंटीहिस्टामिन: नींद, ड्राइविंग में खतरा।
- लोपरामाइड: डायरिया में बिना वजह लेना नुकसानदेह।
तो क्या करना चाहिए?
- दो दिन से ज्यादा कुछ भी ठीक न लगे तो डॉक्टर से मिलें।
- फार्मासिस्ट से सलाह लें, पर दवा अपने मन से न लें।
- दवा की एक्सपायरी, डोज़ और चेतावनियां जरूर पढ़ें।
- किसी और की दवा खुद पर न आज़माएं।
आपका शरीर कोई केमिकल लैब नहीं है, इसे लैब मत बनाइए। जब भी संदेह हो जरूर जांच कराएं और डॉक्टरी सलाह के बाद ही किसी दवाई को खाना शुरू करें।
(प्रस्तुति: प्रियंका)
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