मधुरिमा राजपाल, भोपाल। गांधी मर सकता हैं लेकिन गांधीवाद हमेशा जीवित रहेगा, यही गांधी विचार है जिसकी आज जितनी प्रासंगिकता बनी हुई है, उतनी शायद पहले कभी भी नहीं थी। यह विचार गांधीवादी विचारकों ने गांधी जयंती पर व्यक्त किए। हरिभूमि ने जब गांधीवादी विचारकों से गांधी जी की प्रासंगिकता पर बातचीत की तो उन्होंने विश्व शांति के लिए गांधी की प्रासंगिकता को महत्तवपूर्ण बताया।
गांधी अप्रासंगिक हो ही नहीं सकते
साहित्यकार कैलाश चंद्र पंत ने कहा कि गांधी जी के विचार भारत दर्शन और भारतीय परंपरा के अनुरूप होने के साथ समस्त विश्व के कल्याण के लिए हैं। जो भी समाज के कल्याण की बात करेगा वह अप्रासंगिक हो ही नहीं सकता। उन्होंने कहा कि आज हम जिस माहौल में है। अनेकों देश युद्ध की कगार पर हैं, ऐसे में विश्व शांति और अहिंसा की बात हमारा देश ही कर रहा है और यह सीख महात्मा गांधी की देन है। यह हम पर निर्भर करता है कि हम विनाश की ओर जाना चाहते हैं या विकास की ओर। गांधी जी के पंचशील सिद्धांत के अनुरूप हमारे देश में राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय एकता की बात की जाती है, मानव संबंधों को बढ़ाने की बात की जाती है। जो गांधी जी की देन है।
बाबा आमटे ने कहा गांधी जितने प्रासंगिग अपने दौर में थे, उससे कहीं गुना ज्यादा भविष्य में होंगे
सेवानिवृत आई आर एस, गांधीवादी विचारक डॉ आर के पालीवाल ने कहा कि मैं जब 20 साल पहले बाबा आमटे से मिला तब उन्होंने गांधी जी की प्रासंगिकता के बारे में कहा कि गांधी जितने प्रासंगिग अपने दौर में थे, उससे कहीं गुना ज्यादा भविष्य में होंगे, और आप देख लीजिए आज सम्पूर्ण विश्व युद्ध की कगार पर है, हमारे पड़ोसी देशों में व्यापक अशांति व्याप्त है, ऐसे में गांधी जी के सिद्धांत ही प्रासंगिग हैं जिन्हें पूरे विश्व को अंगीकार करना होगा। सिर्फ हमारा देश ही एकता और सद्भाव की बात करता है। जो गांधी जी की देन है। आज राजनीतिक दल चुनाव से पहले झूठे वादे करते हैं, चारों ओर हिंसा का वातावरण मौजूद है ऐसे समय में गांधी जी की प्रासंगिगकता की आवश्यकता है। जो मानव और प्रकृति पर बराबरी से ध्यान देने की बात करते थे। तो आज के पग पग पर गांधी बेहद प्रासंगिक हैं।
विश्व शांति के लिए गांधी जी के सिद्धांत अत्यंत महत्वपूर्ण व प्रासंगिक हैं
गांधी भवन के सचिव दयाराम नामदेव ने कहा कि आज संपूर्ण विश्व में युद्ध का माहौल है लोग एक दूसरे पर देश एक दूसरे पर हथियार ताने खड़े हैं, विश्व शांति के लिए गांधी जी के सिद्धांत अत्यंत महत्वपूर्ण व प्रासंगिक हैं। आज समाज ने गांधी के उसूलों और सिद्धांतों को छोड़ दिया है। सिर्फ उनके जन्म दिवस पर याद करने से प्रासंगिगता सिद्ध नहीं होगी। अब हम सभी को कदम-कदम पर गांधी और गांधी की प्रासंगिगता को याद रखना होगा। उन्होंने सत्य और अहिंसा का महत्व बताया, प्रेम भाव को बढ़ावा दिया। यदि मानव प्रेम की बात होती है तो विश्व शांति का मार्ग अपने आप ही सुदृढ़ होता है।