Happy Hormones: कभी-कभी जीवन में तनाव से निपटना मुश्किल हो सकता है, लेकिन कुछ सरल आदतों को अपनाकर आप इसे छूमंतर कर सकते हैं। ये आदतें न केवल आपको मानसिक रूप से सशक्त बनाएंगी बल्कि आपके शरीर में हैप्पी हॉर्मोन को भी तेजी से रिलीज करेंगी, जिससे आप अपने जीवन में अधिक खुश और संतुलित महसूस करेंगे।
शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का प्रभाव
हार्वर्ड विश्वविद्यालय के एक शोध का भी यही निष्कर्ष निकला है कि खुश रहने से हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और लंबे समय तक जीने में मदद मिलती है। इंसान की बॉडी खुद ही हैप्पी हॉर्मोनपैदा करती है। डोपामाइन हॉर्मोन हमें अच्छा महसूस कराता है। जब हम खुश रहते हैं तो बॉडी हेल्दी रहती है।
कुछ आदतें जो देंगी आपको खुशी
IKAIGAI के मुताबिक कुछ आदतें ऐसी हैं जो आपको खुश रख सकती है। जापानी लोग खुश रहने के लिए कुछ आदतों को अपनाते हैं। ये आदतें हैप्पी हॉर्मोन को रिलीज करती है और आपको लंबे टाइम तक खुश रहने के लिए प्रेरित करती हैं।
हर चीज में परफेक्शन बढ़ता है तनाव
कई इंसानों को हर चीज में परफेक्ट होने की आदत होती है, ऐसे आदतों से तनाव बढ़ता है। इस आदत को तुरंत बंद कर देना चाहिए। अगर आप खुश रहना चाहते हैं तो एकाग्रता को बढ़ाएं और परफेक्शन के चक्कर में खुद को परेशान नहीं करें। जापानी लोग जो भी करते हैं उसमें खो जाते हैं, इसलिए खुश रहते हैं।
नियमित व्यायाम करें
नियमित व्यायाम सेहत के लिए बेहद लाभदायक होता है। जब आप व्यायाम करते हैं, तो आपका शरीर एंडॉर्फिन नामक हॉर्मोन रिलीज करता है, जिसे हैप्पी हॉर्मोन भी कहा जाता है। यह हॉर्मोन तनाव को कम करता है और मन को शांति प्रदान करता है। सुबह की सैर, योग या हल्के व्यायाम से शुरुआत करें और इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।\
ध्यान और मेडिटेशन का अभ्यास करें
ध्यान और मेडिटेशन मानसिक शांति के लिए अत्यधिक फायदेमंद हैं। यह न केवल आपके दिमाग को शांत करता है बल्कि आपको आंतरिक खुशी का अनुभव भी कराता है। ध्यान के माध्यम से आप अपने विचारों को नियंत्रित कर सकते हैं और नकारात्मकता से दूर रह सकते हैं। इसके अलावा, नियमित मेडिटेशन से आपके शरीर में सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे हैप्पी हॉर्मोन का स्तर बढ़ता है।
हस्ते रहिए
इंसानों को हर अच्छी या बुरी स्थिति में बस मुस्कुराते रहना चाहिए। जीवन की कठिनाइयों से घबराए नहीं बल्कि उसको चैलेंज मानते हुए हर हाल में मुस्कुराते रहें। एक कहावत भी बहुत मशहूर है कि आप पहले महसूस करें कि तकलीफ है, फिर स्वीकार करें कि तकलीफ है और फिर मुस्कुराओं। अगर लोगों भी इस कहावत को अपना लें तो हर हाल में खुश रहना सीख जाएंगे।
डाइट भी आपको रखती है खुश
सीमित मात्रा में खाना खाने से आपका दिमाग अलर्ट रहता है। जब आप पेट भरकर नहीं खाते तो आपका शरीर और मन भारी नहीं होता। ऐसे में आपका दिमाग हमेशा एक्टिव रहता है। आप जानते हैं कि जब आप एलर्ट रहते हैं तो आप नेगेटिव साइकल में नहीं फंसते।