हरतालिका तीज के मौके पर महिलाएं भगवान शिव की आराधना में लीन हो जाती हैं। इस अवसर पर पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखा जाता है। इस दिन व्रत रखने के साथ-साथ पूजा में अर्पित किए जाने वाले भोग का भी विशेष महत्त्व होता है। पारंपरिक रूप से तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती को विभिन्न प्रकार के भोग चढ़ाए जाते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि हरतालिका तीज पर कौन-कौन से भोग लगाए जाते हैं और उनकी विधि क्या है।
पंचामृत
पंचामृत का शाब्दिक अर्थ है "पांच अमृत"। इसे दूध, दही, घी, शहद और शक्कर को मिलाकर तैयार किया जाता है। पंचामृत भगवान शिव को अत्यंत प्रिय माना जाता है। इसे बनाने के लिए
- एक बर्तन में दूध लें।
- उसमें दही, घी, शहद और शक्कर मिलाकर अच्छी तरह से मिश्रण करें।
- इस पंचामृत को पूजा के समय भगवान शिव और माता पार्वती को अर्पित करें।
फलों का भोग
पूजा में फलों का भोग भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। ताजे और मौसमी फल भगवान को अर्पित किए जाते हैं। आप केले, सेब, अनार, अंगूर, और अन्य मौसमी फल चुन सकते हैं।
खीर
- एक बर्तन में दूध को उबालें।
- उसमें धोए हुए चावल डालकर धीमी आंच पर पकाएं।
- जब चावल अच्छी तरह से पक जाएं, तो उसमें शक्कर डालें और कुछ देर और पकाएं।
- इसके बाद इलायची पाउडर और सूखे मेवे डालकर खीर को सजाएं।
लड्डू
- आप बेसन के लड्डू, नारियल के लड्डू, या बूंदी के लड्डू बना सकते हैं।
- बेसन के लड्डू बनाने के लिए बेसन को घी में भूनें।
- शक्कर और इलायची पाउडर मिलाएं।
- मिश्रण को ठंडा होने दें और फिर छोटे-छोटे लड्डू बनाएं।
पूरी और हलवा
- पूरी बनाने के लिए आटे में थोड़ा सा नमक और पानी मिलाकर आटा गूथें। फिर छोटे-छोटे गोले बनाकर उन्हें तलें।
- हलवा बनाने के लिए सूजी को घी में भूनें, फिर उसमें पानी और शक्कर मिलाएं।
- मिश्रण को पकने दें और सूखे मेवे डालकर सजाएं। पूरी और हलवा भगवान को अर्पित करने के बाद, परिवार के सभी सदस्यों में प्रसाद के रूप में बांटा जाता है।
मिठाई
मिठाई के रूप में आप पेड़ा, बर्फी, या रसगुल्ला भी भगवान को अर्पित कर सकते हैं। तीज के पर्व पर मिठाई विशेष रूप से बनाई जाती है और पूजा के समय उसे भगवान को चढ़ाया जाता है।
नारियल
पूजा में नारियल का भोग भी अर्पित किया जाता है। यह शुभता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। आप सूखे नारियल के टुकड़े या कद्दूकस किए हुए नारियल को भोग में शामिल कर सकते हैं।
भोग का महत्व
हरतालिका तीज पर भोग लगाने का मुख्य उद्देश्य भगवान शिव और माता पार्वती को प्रसन्न करना है। भोग की विधि और परंपरा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह परिवार और समाज में प्रेम और समर्पण की भावना को भी बढ़ाता है। इस दिन अर्पित किए गए भोग को पूजा के बाद प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है, जो सभी के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है।