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Sirsasana Benefits: शीर्षासन के शरीर को बड़े फायदे हासिल होते हैं। इसका निरंतर अभ्यास स्ट्रेस और एंजाइटी कम करने में मदद करता है। आइए जानते हैं इस आसन के फायदे

Sirsasana Benefits: शरीर को हेल्दी रखने में योगासनों का अहम योगदान होता है। सदियों से हमारे यहां बीमारियों से बचने के लिए योगासन का अभ्यास किया जाता रहा है। हर योगासन का अपना महत्व है। शीर्षासन भी उनमें से एक है और ये शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए फायदेमंद होता है। इसका नियमित अभ्यास बॉडी में कई बड़े बदलाव ला सकता है।

शीर्षासन, जिसे सिरसासन भी कहा जाता है, योगासनों में सबसे महत्वपूर्ण आसनों में से एक माना जाता है। इसे योगासनों का राजा भी कहा जाता है। आइए जानते हैं इस आसन को करने का तरीका और लाभ।

शीर्षासन के फायदे

पाचन तंत्र मजबूत होता है: शीर्षासन करने से पाचन अंगों पर रक्त प्रवाह बढ़ता है, जिससे पाचन क्रिया मजबूत होती है।

तनाव और चिंता कम होती है: यह आसन तनाव और चिंता को कम करने में मददगार होता है।

रक्त संचार बेहतर होता है: शीर्षासन करने से मस्तिष्क में रक्त प्रवाह बढ़ता है, जिससे एकाग्रता और स्मरण शक्ति में सुधार होता है।

वजन कम करने में मदद करता है: यह आसन चयापचय क्रिया को बढ़ाता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिल सकती है।

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चेहरे पर चमक आती है: शीर्षासन करने से चेहरे पर रक्त प्रवाह बढ़ता है, जिससे त्वचा स्वस्थ और चमकदार बनती है।

सिरदर्द और अनिद्रा में लाभकारी: यह आसन सिरदर्द और अनिद्रा की समस्या को दूर करने में मददगार होता है।

हाथ-पैरों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है: शीर्षासन करने से हाथों, कंधों और पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं।

रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है: यह आसन रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने और लचीला बनाने में मदद करता है।

शीर्षासन करने की विधि
सबसे पहले, एक शांत और समतल जगह चुनें। योगा मैट बिछा लें। वीरभद्रासन की तरह बैठ जाएं। अपने घुटनों को मोड़ें और पैरों को कूल्हों के करीब लाएं। अपने हथेलियों को जमीन पर रखें, उंगलियां सामने की ओर हों। अपने सिर को धीरे-धीरे जमीन पर रखें, इस प्रकार कि आपके माथे का पिछला भाग जमीन को छूए। अपनी कोहनी को ऊपर उठाएं और अपने शरीर का भार अपने सिर और कोहनियों पर संतुलित करें।

धीरे-धीरे अपने पैरों को सीधा करें, हवा में ऊपर उठाते हुए। अपने शरीर को सीधा रखें और श्वास पर ध्यान केंद्रित करते हुए संतुलन बनाए रखें। धीरे-धीरे अपने पैरों को नीचे लाएं, घुटनों को मोड़ें और फिर सिर को जमीन से हटाएं।

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इन बातों का रखें खास ख्याल
यदि आप उच्च रक्तचाप, गर्दन या पीठ में दर्द, या हृदय रोग जैसी कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो शीर्षासन करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें। शुरुआती तौर पर, आप दीवार के सहारे शीर्षासन कर सकते हैं। शीर्षासन करते समय हमेशा अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें। यदि आप असहज महसूस करते हैं, तो तुरंत आसन से बाहर आ जाएं।

(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ, डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)

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