Health Tips: अधिकतर हेल्थ एक्सपर्ट्स फिजिकल फिटनेस के लिए एक्सरसाइज करने की सलाह देते हैं। लेकिन जॉगिंग, वॉकिंग, एक्सरसाइज और योगासन करने से तन के साथ ही मन की सेहत भी दुरुस्त होती है। यह न सिर्फ कई अध्ययनों में पता चला है बल्कि लोगों के अनुभवों से भी एक्सरसाइज और अच्छी मेंटल हेल्थ का संबंध सामने आया है।
एक्सरसाइज से बढ़ता है फीलगुड
न्यूरोफार्मेकोलॉजी जर्नल में प्रकाशित शोध की रिपोर्ट बताती है कि जब भी हम वर्कआउट करके पसीना बहाते हैं, हमारा शरीर हैप्पी हार्मोन या फील गुड न्यूरोट्रांसमीटर का स्राव करता है। इनमें एंडोर्फिन, डोपामाइन, एंडोकैनाबीनोयड्स होते हैं। साथ ही एक्सरसाइज से मायोकींस यानी होप मॉलेक्युल्स (आशा के अणु) भी रिलीज होते हैं, जो मेंटल हेल्थ को लाभ पहुंचाते हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक हमारी मांसपेशियां जब फिजिकल एक्टिविटीज में इंवॉल्व होती हैं तो अमीनो अम्ल की चेन मायोकींस रक्त के संचार में आने लगते हैं। इनके प्रभाव से एंजायटी, ट्रॉमा, स्ट्रेस, डिप्रेशन के लक्षणों में उल्लेखनीय कमी आती है।
इंफ्लेमेशन होता है कम
मेकमास्टर यूनिवर्सिटी कनाडा में काइनेसियोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. जेनिफर हेस्ज, जो ब्रेन हेल्थ के एक्सपर्ट हैं, बताते हैं कि मायोकिंस, हमारे आंतरिक शारीरिक तंत्र में मौजूद इंफ्लेमेशन को कम करने में मदद करते हैं।
बढ़ाए बौद्धिक क्षमता
जर्नल फॉर अल्जाइमर्स डिजीज रिपोर्ट में प्रकाशित लेख के मुताबिक हाल ही में ऐसे भी कई अध्ययन हुए हैं, जिनसे पता चलता है कि एक्सरसाइज करने से ब्रेन के नेटवर्क में शानदार इंप्रूवमेंट होता है और बौद्धिक क्षमता में इजाफा होता है। फिजिकल एक्टिविटी, क्रिएटिविटी को स्टिम्युलेट करती है, निर्णय लेने की क्षमता तेज करती है और मानसिक ऊर्जा बढ़ती है। साथ ही इससे उम्र के साथ आने वाली बौद्धिक क्षमता में गिरावट की गति पर भी ब्रेक लगता है। इतना ही नहीं, अल्जाइमर्स डिजीज जैसी बीमारी का जोखिम भी धीमा या कम होता है।
डिप्रेशन को करे कंट्रोल
एक रिपोर्ट के अनुसार हफ्ते में चार बार 30 मिनट की वॉकिंग करने से लोगों में मेमोरी इंप्रूवमेंट देखा गया। ब्रिटिश जर्नल आफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित ताजा अध्ययन की मानें तो जो लोग फिजिकल एक्टिविटीज में रुचि लेते हैं और पर्याप्त एक्सरसाइज, वॉकिंग आदि करते हैं, उनमें डिप्रेशन का ट्रीटमेंट जल्दी और ज्यादा असरकारक होता है। इसके लिए कम से कम 12 हफ्तों तक रोजाना 30 से 60 मिनट की एक्सरसाइज जरूरी है।
बढ़ाए सेल्फ कॉन्फिडेंस
यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया में रिसर्च फेलो बेन सिंह कहते हैं, माना कि एक्सरसाइज मेंटल हेल्थ ट्रीटमेंट का विकल्प नहीं लेकिन यह इसका एक प्रभावशाली पूरक अवश्य है।रेगुलर एक्सरसाइज से आत्मविश्वास और आत्मसम्मान बढ़ने के साथ-साथ अकेलेपन की फीलिंग भी कम होती है। आप चाहे स्विमिंग करें, वॉकिंग करें, साइक्लिंग करें, योगा करें या दौड़ भाग करें आपके शरीर में मूवमेंट रहना चाहिए। जिनको इसमें आलस्य आता हो, उन्हें स्पोर्ट्स में रुचि लेनी चाहिए। बैडमिंटन, क्रिकेट, फुटबॉल, वॉलीबॉल जैसे खेल खेलना चाहिए या फिर रोज मनपसंद म्यूजिक चला कर डांस करना चाहिए। इन सभी एक्टिवटीज से आपके भीतर एनर्जी का संचार होता है और आपमें सेल्फ कॉन्फिडेंस बढ़ता है।