Heritage Train Tour: बरसात के मौसम में प्रकृति हर तरफ अपनी हरियाली छटा बिखेरने लगती है। ऐसे में सामान्य-सा प्राकृतिक दृश्य भी काफी सुंदर और मनभावन लगने लगता है। ऐसे में बारिश से नहाई वादियों में ट्रांसपेरेंट ग्लास लगे हुए ट्रेन के अंदर गरमा-गरम चाय की चुस्की लेते हुए हरियाली के बीच गुजरने में जो आनंद और रोमांच मिलता है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। ऐसे ही रोमांचक सफर का आनंद आप भी ले सकते हैं हेरिटेज ट्रेन में।

बोर्डिंग प्वाइंट-डेस्टिनेशन
पातालपानी, कालाकुंड हेरिटेज ट्रेन सप्ताह में दो दिन केवल शनिवार और रविवार को ही चलती है। क्योंकि इन दो दिनों में सबसे ज्यादा पर्यटक आते हैं। इन दिनों में यह केवल एक ही फेरा लगाती है। इस ट्रेन में दो एसी चेयरकार और तीन नॉन-एसी चेयरकार लगी हैं। एक कोच में साठ यात्री बैठकर बाहर के प्राकृतिक नजारों को निहार सकते हैं। यह ट्रेन सुबह 11 बजकर 5 मिनट पर पातालपानी से रवाना होकर दोपहर 1 बजकर 5 मिनट पर कालाकुंड पहुंचती है। यह हेरिटेज ट्रेन इंदौर से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित पाताल पानी से कालाकुंड के बीच लगभग 12 किलोमीटर का सफर दो घंटे में पूरा करती है। सफर धीमी गति से पूरा करने का उद्देश्य यह है कि इसमें बैठे पर्यटक सुकून के साथ प्रकृति के हरे-भरे सुंदर नजारों और झरनों का दीदार कर सकें।

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दिखते हैं मोहक प्राकृतिक नजारे
प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर पातालपानी से कालाकुंड के बीच का क्षेत्र हरियाली और पहाड़ियों से घिरा हुआ है। बरसात के दिनों में यहां धरती हरियाली की चादर ओढ़ लेती है। यहां का मुख्य झरना 150 फीट की ऊंचाई से नीचे गिरता है। लेकिन इसकी गहराई का अभी तक पता नहीं लग पाया है, इसीलिए इसे ‘पाताल पानी’ का नाम दिया गया है। इसकी खूबसूरती अत्यंत आकर्षक है। यही वजह है कि यह वर्षों से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

प्रकृति के निकट ठहरने का मौका
यात्रा के दौरान रेलगाड़ी के अंदर से प्राकृतिक नजारों का आनंद लेने के बाद, ट्रेन से नीचे उतर कर भी पर्यटक प्राकृतिक झरने, पहाड़ियों की सैर कर सकें और पिकनिक का भरपूर आनंद उठा सकें, इसके लिए भारतीय रेल ने इस ट्रिप के लिए कुल साढ़े पांच घंटे का शेड्यूल बनाया है। इसलिए हेरिटेज ट्रेन कालाकुंड पहुंचने के बाद ढाई घंटे वहीं खड़ी रहती है, ताकि पर्यटक वहां आराम से उतर कर प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के साथ मालवी व्यंजन दाल बाफले और कालाकुंड के प्रसिद्ध कलाकंद का आनंद ले सकें। यह ट्रेन कालाकुंड से दोपहर 3 बजकर 35 मिनट पर चल कर शाम साढ़े चार बजे फिर पाताल पानी पहुंच जाती है।

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सावधानी है जरूरी
वैसे तो यह क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य और संपदा से भरपूर है। लेकिन असावधानी बरतने पर यह गंभीर दुर्घटना का कारण बन सकता है। बरसात के दिनों में यहां फिसलन हो जाती है। इसलिए बेहतर होगा कि निर्धारित स्थान से प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लें। झरने के पास जाने या या घाटी में नीचे उतरने का जोखिम ना लें। इन दिनों बच्चों और युवाओं में सेल्फी और रील बनाने का काफी क्रेज है। लेकिन ऐसे स्थानों पर असावधानी के साथ ऐसा करना उचित नहीं है। झरने के पास जाकर या पहाड़ी के मुहाने पर खड़े होकर सेल्फी लेना या रील बनाना जानलेवा साबित हो सकता है। इसलिए सावधानी बरतते हुए यात्रा का आनंद उठाएं।

पहले करा लें आरक्षण
इस हेरिटेज ट्रेन में यात्रियों की सुविधा और पसंद के अनुसार एसी और नॉन-एसी दोनों प्रकार के कोच की व्यवस्था की गई है। इसके टिकट आईआरसीटीसी की वेबसाइट से ऑनलाइन बुक करवाए जा सकते हैं या यात्रा स्थल पर जाकर टिकट-काउंटर से भी खरीदे जा सकते हैं। लेकिन गाड़ी में  केवल तीन सौ सीटें हैं, इसलिए व्यावहारिक और बेहतर यही होगा कि यात्रा से पहले ऑनलाइन टिकट बुक करा लें। इस हेरिटेज ट्रेन के एसी कोच का एक तरफ का टिकट 265 रुपए और नॉन एसी कोच का टिकट मात्र 20 रुपए में मिलता है।