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Happy Holi 2025: देशभर में रंगों के उत्सव होली को धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। प्रेम, भाईचारे और अनेकता में एकता का प्रतीक यह पर्व पूरे देश में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। देश के विभिन्न हिस्सों में लोग इस पर्व को अपनी-अपनी परंपराओं और सांस्कृतिक महत्व के साथ मनाते हैं। उत्तरप्रदेश की  लठमार होली से लेकर वृंदावन की फूलों से सजी होली तक, हर क्षेत्र में होली का महत्व कुछ खास और अलग होता है।

चाहे पंजाब में होला मोहल्ला हो या बिहार की ढोल थाप भारत में बाकई में होली के विभिन्न रंग है। हालांकि कई लोगों अभी तक यह नहीं पता कि भारत में कितने तरीकों से होली मनाई जाती है। यदि आपको भी जानकारी नहीं है, तो यह आर्टिकल आपके काम का है। यहां हम भारत के विभिन्न हिस्सों में मनाई जाने वाले होली के 10 आकर्षक तरीके बता रहे हैं, जिन्हें जानकर आप आश्चर्यचकित रह जाएंगे। आइए जानें...  

1. ओडिशा और असम में डोला यात्रा 
ओडिशा और असम में होली को डोला यात्रा या डोला पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान भगवान विष्णु के अवतार जगन्नाथ जी की पूजा की जाती है। सभी लोग पहले गुलाल भगवान जगन्नाथ को गुलाल लगाते है और फिर होली का जश्न मनाते है। असम में, बारपेटा के सत्रों में यह उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है, जिसमें भगवान कृष्ण की मूर्ति को सात बार पवित्र अग्नि के चारों ओर घुमाया जाता है। दोनों राज्यों में यह उत्सव भक्ति, रंग और परंपरा का सुंदर मिश्रण है।  

Dola Yatra in Odisha and Assam

2. पंजाब में होला मोहल्ला
पंजाब में होली केवल रंगों के बारे में नहीं है, यह ताकत और साहस का उत्सव है। आनंदपुर साहिब में मनाए जाने वाला होला मोहल्ला गुरु गोबिंद सिंह द्वारा शुरू किया गया था, जिसमें सिख योद्धाओं की युद्ध कौशल का प्रदर्शन किया जाता है। इसमें रंग खेलने के बजाय, तलवारबाजी, घुड़सवारी, धनुषबाण और मॉक लड़ाइयों का प्रदर्शन होता है। यह उत्सव आध्यात्मिक कीर्तन, लंगर (सामुदायिक भोजन) और ऊर्जावान जुलूसों से भी भरा होता है, जो इसे भारत के सबसे अद्वितीय होली उत्सवों में से एक बनाता है।

Hola Mohalla in Punjab

3. बिहार में फगुआ
बिहार में फगुआ या फालगुनोत्सव, होली के अवसर पर वसंत और फसल के मौसम के आगमन का उत्सव है। यह उत्सव होलिका दहन से शुरू होता है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। अगले दिन, धुलेन्दी में रंगों की खेल, लोक गीत और नृत्य होते हैं, जो इसे एक अविस्मरणीय अनुभव बना देते हैं।

Fagua Holi in Bihar

4. उत्तर प्रदेश में लठमार होली
भगवान कृष्ण और राधा रानी के जन्मस्थान बरसाना और नंदगांव में काफी रोमांचक और मजेदार होली खेली जाती है। उत्तरप्रदेश में इसे लठमार होली कहा जाता है। किंवदंती के अनुसार, भगवान कृष्ण ने राधा और उनकी सहेलियों को छेड़ा था, जिसके बाद उन्होंने उन्हें लाठियों से भगाया। आजकल, महिलाएं पुरुषों को लाठियों से खेल-खेल में “मारती हैं, जबकि गुलाल हवा में उड़ता रहता है, जिससे यह एक रोमांचक और रंगीन दृश्य बनता है।

Lathmar Holi in Uttar Pradesh

5. मणिपुर में याओसांग
मणिपुर में होली, छह दिन तक चलने वाले याओसांग महोत्सव के साथ मिलकर मनाई जाती है, जो हिंदू और स्थानीय परंपराओं का संगम है। यह महोत्सव एक झोपड़ी को जलाकर शुरू होता है, जैसा कि होलिका दहन होता है। फिर बच्चे दान इकट्ठा करते हैं, जैसे 'ट्रिक-ऑर-ट्रीट'। इस महोत्सव की प्रमुख विशेषता थाबल चौंगबा है, जिसमें पुरुष और महिलाएं एक सर्कल में खड़े होकर लोक गीतों पर नृत्य करते हैं। यह महोत्सव रंगों के खेल के साथ समाप्त होता है, जो इसे एक विशिष्ट उत्सव बनाता है।

Yaosang in Manipur

6. केरल में उकुली
केरल के कुदुंबी और कोंकणी समुदायों में होली उकुली या मञ्जल कुली के नाम से जानी जाती है। इसमें रंगों के बजाय पीले हल्दी के पानी का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे यह एक पर्यावरण अनुकूल उत्सव बनता है। इस महोत्सव में मंदिरों में पूजा, लोक गीत और धार्मिक प्रार्थनाएं भी होती हैं। हालांकि यह केरल में बहुत सामान्य नहीं है, यह समुदायों के बीच एक प्रिय परंपरा है। 

Ukuli in Kerala

7. महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में रंग पंचमी
होली के पांच दिन बाद मनाई जाने वाली रंग पंचमी, होली के महोत्सव का भव्य समापन करती है। खासकर मथुरा और वृंदावन के मंदिरों में। यह सिर्फ रंग खेलने के बारे में नहीं है, बल्कि यह अहंकार, स्वार्थ और आलस्य जैसे नकारात्मक गुणों पर विजय का प्रतीक है। इस महोत्सव को यह माना जाता है कि यह वातावरण को शुद्ध करता है, और सकारात्मकता लाता है। यह हिंदू दर्शन में निहित है, जो यह दर्शाता है कि मनुष्य को भौतिक सुखों से ऊपर उठकर आनंद और आध्यात्मिक उन्नति की ओर बढ़ना चाहिए।

Rang Panchami in Maharashtra and Madhya Pradesh

8. शांतिनिकेतन, पश्चिम बंगाल में बसंत उत्सव
रवींद्रनाथ ठाकुर के प्रेरणास्रोत से शांति निकेतन में बसंत उत्सव (वसंत महोत्सव) का आयोजन होता है। इस दिन, विद्यार्थी रंगीन कपड़े पहनकर एक भव्य सांस्कृतिक प्रदर्शन करते हैं। इसमें रवींद्रनाथ ठाकुर के गीतों पर नृत्य होते हैं। इस उत्सव का समापन रंगों की अद्भुत अदला-बदली के साथ होता है। समय के साथ, बसंतोत्सव बंगाली संस्कृति का अहम हिस्सा बन गया है। 

Basant Festival in Santiniketan, West Bengal

9. वृंदावन में फूलों की होली
वृंदावन में होली विशेष रूप से मनाई जाती है, जिसमें केवल फूलों का उपयोग किया जाता है। बांके बिहारी मंदिर में, पुजारी और भक्त गुलाल के बजाय पंखुड़ियां बरसाते हैं, जो एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करता है। इस अवसर पर भजनों, धार्मिक नृत्य और प्रार्थनाओं के साथ यह उत्सव मनाया जाता है, जो इसे शांत और आध्यात्मिक अनुभव बनाता है।

flowers Holi Vrindavan

10. उदयपुर में रॉयल होली
उदयपुर में होली शाही तरीके से मनाई जाती है। होलिका दहन के दिन, शहर में अनगिनत अलाव जलाए जाते हैं, जिनमें सबसे भव्य उत्सव जगदीश मंदिर में मनाया जाता है। ये उत्सव राजस्थान की शाही धरोहर को दर्शाते हैं, जिसमें जुलूस, लोक प्रदर्शन और पारंपरिक अनुष्ठान होते हैं, जो इसे एक अविस्मरणीय अनुभव बना देते हैं।

Royal Holi in Udaipur