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Dry Vs Soaked Almonds: बादाम को सुपरफूड कहा जाता है और इसका सेवन दिमाग, त्वचा और सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। भारतीय परंपरा में सुबह खाली पेट बादाम खाने की सलाह दी जाती है, लेकिन अक्सर यह सवाल उठता है कि बादाम सूखे खाएं या भिगोकर? दोनों तरीकों से सेवन किया जा सकता है, लेकिन इनके फायदे और असर में फर्क होता है।

आयुर्वेद और आधुनिक विज्ञान दोनों ही भिगोए हुए बादाम को ज़्यादा लाभकारी मानते हैं। भिगोने की प्रक्रिया न केवल बादाम की पौष्टिकता को बढ़ाती है, बल्कि पाचन को भी आसान बनाती है। आइए इस लेख में जानते हैं कि सूखे और भीगे बादाम के बीच क्या फर्क है और किसे खाना ज़्यादा बेहतर होता है।

सूखे बादाम के फायदे
सूखे बादाम ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत हैं। इनमें विटामिन E, फाइबर, प्रोटीन, हेल्दी फैट्स और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ये दिमाग को तेज करने, शरीर को ऊर्जा देने और दिल की सेहत सुधारने में मदद करते हैं। स्नैक्स के रूप में सूखे बादाम जल्दी भूख मिटाने का काम भी करते हैं।

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हालांकि, सूखे बादाम की त्वचा में टैनिन नामक तत्व होता है, जो पोषक तत्वों के अवशोषण को कुछ हद तक रोक सकता है। इसके अलावा कुछ लोगों को सूखे बादाम पचाने में मुश्किल हो सकती है, खासतौर पर यदि वे ज़्यादा मात्रा में खा लिए जाएं।

भिगोए हुए बादाम क्यों होते हैं बेहतर?
बादाम को रातभर पानी में भिगोकर सुबह उसका छिलका उतारकर खाने से उसका पोषण और पाचन क्षमता दोनों बढ़ जाती है। भीगने से टैनिन निकल जाता है, जिससे विटामिन और मिनरल्स आसानी से शरीर में अवशोषित होते हैं। भिगोए हुए बादाम पेट के लिए हल्के होते हैं और कब्ज, एसिडिटी जैसी समस्याओं में राहत पहुंचाते हैं।

इनमें मौजूद एंजाइम सक्रिय हो जाते हैं, जो मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाते हैं और इम्यून सिस्टम को मज़बूत करते हैं। बच्चों और बुज़ुर्गों के लिए भी ये आसानी से पचने वाला हेल्दी विकल्प होते हैं।

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निष्कर्ष
भले ही सूखे बादाम भी स्वास्थ्य के लिए अच्छे हों, लेकिन भिगोए हुए बादाम शरीर के लिए ज़्यादा फायदेमंद माने जाते हैं। अगर आप पोषक तत्वों का अधिकतम लाभ लेना चाहते हैं और पाचन को भी आसान बनाना चाहते हैं, तो भिगोए हुए बादाम को अपनी सुबह की दिनचर्या में शामिल करें। रोज़ाना 4–5 भीगे बादाम खाना दिमाग, दिल और स्किन के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।

(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ, डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)