Cucumber Plantation: खीरा पोषक तत्वों से भरपूर होता है जिसे घर में आसानी से उगाया जा सकता है। इसमें पानी की मात्रा अधिक होती है, जिससे यह शरीर को हाइड्रेट रखने और गर्मी में ठंडक देने में मदद करता है। खीरे में विटामिन सी, के और फाइबर होते हैं, जो पाचन को दुरुस्त रखने और त्वचा को स्वस्थ बनाने में सहायक होते हैं। इसे किचन गार्डन या गमले में उगाना बेहद आसान है, क्योंकि इसे ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती और यह तेजी से बढ़ता है।
घर में उगाया गया खीरा ताजगी से भरपूर और केमिकल-मुक्त होता है, जिससे यह बाजार के खीरे की तुलना में अधिक स्वास्थ्यवर्धक होता है। इसे लगाने के लिए सिर्फ सही मिट्टी, धूप, पानी और थोड़ी देखभाल की जरूरत होती है। अगर आप जैविक खेती में रुचि रखते हैं या अपने परिवार के लिए ताजा और स्वस्थ सब्जियां उगाना चाहते हैं, तो खीरा उगाना एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
घर में खीरा कैसे उगाएं?
बीज का चयन और समय
अच्छी गुणवत्ता वाले हाइब्रिड या देसी खीरे के बीज चुनें।
खीरा गर्मियों की फसल है, इसलिए इसे फरवरी से जून के बीच लगाया जा सकता है।
तापमान 20-30°C के बीच होने पर इसकी वृद्धि अच्छी होती है।
सही स्थान और गमले का चयन
यदि गार्डन में उगा रहे हैं, तो ऐसी जगह चुनें जहां दिन में कम से कम 5-6 घंटे धूप मिले।
गमले में उगाने के लिए 12-15 इंच गहरा और चौड़ा गमला या ग्रो बैग इस्तेमाल करें।
इसे भी पढ़ें: Hibiscus Plantation: गमले में उगा लें गुड़हल का पौधा, औषधीय गुणों से है भरपूर, गार्डन की बढ़ेगी खूबसूरती
मिट्टी तैयार करें
खीरे के लिए उपजाऊ और जल निकासी वाली मिट्टी जरूरी है।
मिट्टी में 50% गार्डन सॉयल, 30% गोबर खाद या कम्पोस्ट और 20% रेत मिलाएं।
मिट्टी को नमी बनाए रखने के लिए नारियल की भूसी या सूखी पत्तियां डाल सकते हैं।
बीज बोने की विधि
गमले में 1-2 इंच गहराई में बीज लगाएं और हल्की मिट्टी डालें।
बीजों के बीच कम से कम 6-8 इंच की दूरी रखें।
हल्का पानी दें ताकि मिट्टी नम बनी रहे।
पानी और देखभाल
खीरे के पौधों को रोजाना हल्का पानी दें, लेकिन मिट्टी में जलभराव न होने दें।
जब पौधे 4-5 इंच के हो जाएं, तो बेल को सहारा देने के लिए बांस या जाली लगाएं।
मिट्टी के पोषण के लिए हर 15 दिन में गोबर खाद या वर्मीकम्पोस्ट डालें।
इसे भी पढ़ें: Radish Plantation: घर में मूली उगाना चाहते हैं? इस तरीके से करें प्लांटेशन, खरीदने की नहीं पड़ेगी ज़रूरत
कीट और रोग नियंत्रण
नीम तेल का छिड़काव करें ताकि पत्तों पर कीट न लगें।
पौधों के पास तुलसी या गेंदा लगाने से भी कीटों से बचाव होता है।
फसल कटाई (हार्वेस्टिंग)
बीज बोने के 40-50 दिनों के बाद खीरे तैयार हो जाते हैं।
जब खीरा 6-8 इंच लंबा हो जाए और रंग हल्का हरा हो, तो उसे काट लें।
समय पर तुड़ाई करने से पौधे और अधिक फल देते हैं।