Ratanjot Plantation: रतनजोत का पौधा आपको भले ही कम नजर आता हो, लेकिन इसमें औषधीय गुणों का भंडार छिपा हुआ है। रतनजोत एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी मानी जाती है जिसे जेट्रोफा भी कहा जाता है। इस पौधे में आने वाले नीले फूल बहुत ही खूबसूरत होते हैं। आप अगर अपने बगीचे में अलग-अलग वैराइटी के पौधे देखना चाहते हैं जिसमें जड़ी बूटी वाले प्लांट भी शामिल हों तो रतनजोत के पौधे को लगा सकते हैं।
रतनजोत के पौधे के पत्ते, छाल, बीज और जड़ों का उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं में किया जाता है। ईंधन बनाने में भी इस पौधे के बीजों का इस्तेमाल किया जाता है। आइए जानते हैं रतनजोत का पौधा लगाने के टिप्स।
रतनजोत का पौधा कैसे लगाएं?
रतनजोत का पौधा आप अगर अपने घर में उगाना चाहते हैं तो हमेशा क्वालिटी वाले और हेल्दी बीजों को चुनें। बीजों को पानी में 24 घंटे के लिए भिगो दें। इससे अंकुरण की प्रक्रिया तेज होगी। बीजों को बोने के लिए 15-20 सेंटीमीटर की दूरी पर गड्ढे बनाएं। प्रत्येक गड्ढे में 2-3 बीज बोएं और मिट्टी से ढक दें। इन बीजों को नियमित रूप से पानी दें।
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रतनजोत रेतीली और बलुई मिट्टी में अच्छी तरह से उगता है। इसके बीजों को नियमित रूप से पानी दें। खासकर गर्मी के मौसम में नियमित रूप से पानी दें। मिट्टी को हमेशा नम रखें, लेकिन पानी भरा न रहने दें। रतनजोत को नाइट्रोजन युक्त खाद की आवश्यकता होती है। वर्ष में दो बार खाद डालें - एक बार बुवाई के समय और दूसरी बार बारिश के मौसम में।
जब पौधे पर फल लग जाएं और वे पक जाएं, तब कटाई का समय आ जाता है। फलों को हाथ से तोड़कर इकट्ठा करें। रतनजोत को कीड़े लग सकते हैं। कीटनाशकों का उपयोग कर इनका नियंत्रण किया जा सकता है। पौधे को समय-समय पर छांटते रहें ताकि उसकी वृद्धि अच्छी हो सके। ध्यान दें रतनजोत का पौधा जहरीला होता है। इसलिए, इसे बच्चों और जानवरों की पहुंच से दूर रखें।
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रतनजोत पौधे के फायदे
रतनजोत औषधीय गुणों से भरा हुआ पौधा है। रतनजोत के बीज का तेल त्वचा को बेदाग बनाकर रूखापन दूर करने में मदद करता है। ये आंखों की रोशनी भी बेहतर बनाता है। रतनजोत खून साफ करने में भी मददगार होता है। गठिया दर्द में रतनजोत लाभकारी हो सकता है। ये ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित करता है। हालांकि किसी योग्य चिकित्सक के मार्गदर्शन में ही इसका उपयोग किया जाना चाहिए। मन से इसका उपयोग करने की भूल न करें।