Bhujangasana Benefits: भुजंगासन, जिसे कोबरा पोज़ भी कहा जाता है, एक आसान स्तर का योगासन है जो शुरुआती लोगों के लिए भी उपयुक्त है। यह योगासन रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने और लचीलापन बढ़ाने के लिए जाना जाता है। हालांकि इस आसन का शुरुआती अभ्यास किसी योग्य प्रशिक्षक के निर्देशन में ही करना चाहिए। भुजंगासन करने से पाचन तंत्र में भी सुधार आता है। ये आसन मेंटल हेल्थ को भी बेहतर बनाती है। 

भुजंगासन करने के फायदे

रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है: यह आसन रीढ़ की हड्डी की मांसपेशियों को मजबूत करता है, जिससे पीठ दर्द और रीढ़ की हड्डी से संबंधित अन्य समस्याओं को कम करने में मदद मिल सकती है।

पाचन तंत्र में सुधार करता है: भुजंगासन पेट के अंगों की मालिश करता है, जिससे पाचन क्रिया में सुधार हो सकता है और कब्ज जैसी समस्याएं दूर हो सकती हैं।

वजन घटाने में मदद करता है: यह आसन शरीर को टोन करता है और मेटाबॉल्जिम को बढ़ाता है, जिससे वजन घटाने में मदद मिल सकती है।

इसे भी पढ़ें: Yogasana For Mental Health: स्ट्रेस, एंजाइटी को दूर करेंगे 4 योगासन, मन भी होगा शांत, इस तरीके से करें अभ्यास

तनाव और चिंता को कम करता है: भुजंगासन तनाव और चिंता को कम करने में मदद करता है, मूड को बेहतर बनाता है और मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है।

छाती को चौड़ा करता है: यह आसन फेफड़ों को खोलता है, जिससे सांस लेने में सुधार होता है और छाती का विस्तार होता है।

रक्त संचार में सुधार करता है: भुजंगासन पूरे शरीर में रक्त संचार को बढ़ाता है, जिससे ऊर्जा के स्तर में वृद्धि होती है और थकान कम होती है।

अस्थमा और एलर्जी में राहत देता है: यह आसन श्वसन तंत्र को मजबूत करता है, जिससे अस्थमा और एलर्जी के लक्षणों में राहत मिल सकती है।

भुजंगासन करने का तरीका
अपने पेट के बल जमीन पर लेट जाएं। पैरों को सीधा रखें और पैरों की उंगलियों को जमीन पर टिकाएं। हाथों को अपने कंधों के नीचे रखें, हथेलियां नीचे की ओर हों। धीरे-धीरे अपनी नाक, ठुड्डी और छाती को जमीन से ऊपर उठाएं। अपनी कोहनियों को थोड़ा मोड़कर रखें, ताकि आपका वजन आपके कंधों और कोहनियों पर समान रूप से वितरित हो। 

इसे भी पढ़ें: Yogasana Benefits: पैरों का ब्लड फ्लो तेज करने के लिए करें 4 योगासन, कुछ ही दिनों में दिखेगा अंतर, सीखें अभ्यास का तरीका

अपनी छाती को ऊपर उठाते हुए, अपने कूल्हों को जमीन पर रखें। अपने कंधों को पीछे और नीचे की ओर खींचें, और अपनी रीढ़ की हड्डी को लंबा करें। अपनी क्षमता के अनुसार कुछ देर इसी स्थिति में रुकें। धीरे-धीरे अपनी छाती, ठुड्डी और सिर को वापस जमीन पर ले आएं। अपने हाथों को अपने पक्षों पर आराम दें।

ध्यान देने योग्य बातें

  • यदि आपको पीठ, गर्दन या कंधे में दर्द है, तो यह आसन न करें।
  • यदि आप गर्भवती हैं, तो इस आसन को करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
  • शुरुआत में, कम समय के लिए भुजंगासन करें और धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।
  • हमेशा अपनी सांस पर ध्यान दें और सांस लेने में तकलीफ होने पर रुक जाएं।

(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ, डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)