Health Tips: सर्दी का मौसम अपनी ठंडक और सुहाने माहौल के लिए जाना जाता है, लेकिन यह मौसम बुजुर्गों के लिए कई शारीरिक समस्याएं भी लेकर आता है। इनमें से एक प्रमुख समस्या जोड़ों का दर्द है। सर्दियों में ठंड के कारण जोड़ों में दर्द और अकड़न की समस्या बढ़ जाती है, जिससे बुजुर्गों को चलने-फिरने और दैनिक कार्य करने में कठिनाई होती है। यह समस्या न केवल उनकी शारीरिक गतिविधियों को प्रभावित करती है बल्कि उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
सर्दी के दिनों में उम्रदराज लोगों को अपनी हड्डियों की सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए। इंदौर के कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल के ऑर्थोपेडिक सर्जन, डॉ. अरुणांग्शु मुखर्जी से जानते हैं 60 की उम्र के बाद जोड़ों के दर्द के कारण, लक्षण, प्रभाव और बचाव के टिप्स।
सर्दियों में जोड़ों के दर्द के कारण
तापमान में गिरावट: ठंड के कारण रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं, जिससे जोड़ों में रक्त प्रवाह कम हो जाता है और दर्द बढ़ सकता है।
शरीर की कठोरता: ठंडे मौसम में मांसपेशियां और जोड़ों के लिगामेंट कठोर हो जाते हैं, जिससे जोड़ों की गति सीमित हो जाती है।
आर्थराइटिस का प्रभाव: जिन बुजुर्गों को पहले से गठिया (आर्थराइटिस) की समस्या है, उनकी तकलीफ सर्दियों में और बढ़ जाती है।
शारीरिक गतिविधि में कमी: ठंड के कारण बुजुर्ग कम चल-फिरते हैं, जिससे जोड़ों में जकड़न और दर्द की समस्या बढ़ जाती है।
विटामिन डी की कमी: सर्दियों में सूरज की रोशनी कम मिलती है, जिससे शरीर में विटामिन डी का स्तर गिर सकता है। यह हड्डियों और जोड़ों की सेहत पर नकारात्मक प्रभाव डालता है।
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लक्षण
सर्दियों में जोड़ों की समस्या के सामान्य लक्षणों में दर्द, सूजन, अकड़न, जोड़ों में गर्माहट की कमी और चलने में कठिनाई शामिल हैं। सुबह के समय जोड़ों में ज्यादा जकड़न महसूस हो सकती है। ऐसे लक्षण ज्यादा समय तक बने हुए हो तो ऐसे अस्पताल जाएं जहां चौबीस घंटे विशेषज्ञों की सुविधा उपलब्ध हो ताकि समय पर इलाज मिल सके।
समस्या का प्रभाव
जोड़ों का दर्द बुजुर्गों के लिए कई समस्याएं पैदा करता है। वे अपनी दैनिक गतिविधियों जैसे चलने, सीढ़ियां चढ़ने, और घर के छोटे-मोटे काम करने में असमर्थ हो सकते हैं। लंबे समय तक यह समस्या बनी रहने से उनका आत्मविश्वास और मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है।
समाधान और बचाव के उपाय
गर्माहट बनाए रखें: बुजुर्गों को हमेशा गर्म कपड़े पहनने चाहिए और घर के वातावरण को गर्म रखना चाहिए।
हल्का व्यायाम: सर्दियों में नियमित हल्का व्यायाम जोड़ों की गति बनाए रखने और दर्द कम करने में सहायक होता है।
गर्म पानी की सिकाई: जोड़ों पर गर्म पानी की सिकाई करने से दर्द और अकड़न में राहत मिलती है।
संतुलित आहार: कैल्शियम और विटामिन डी युक्त आहार, जैसे दूध, दही, पनीर और अंडे, को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
तेल मालिश: सरसों या नारियल के तेल से मालिश करने से जोड़ों को राहत मिल सकती है।
दवाइयों का सेवन: डॉक्टर की सलाह से दर्द निवारक दवाइयां या सप्लीमेंट लिए जा सकते हैं।
सूरज की रोशनी: सुबह की धूप में कुछ समय बिताना विटामिन डी के स्तर को बढ़ाने में मदद करता है।
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विशेष ध्यान रखें
बुजुर्गों को ठंड में बाहर जाने से बचना चाहिए और जोड़ों को हर समय ढंककर रखना चाहिए। ठंड के कारण होने वाले जोड़ों के दर्द से बचने के लिए समय-समय पर डॉक्टर से परामर्श करना भी जरूरी है। सर्दियों में जोड़ों का दर्द बुजुर्गों के लिए एक आम समस्या है। इसके लिए उचित देखभाल, संतुलित आहार, और नियमित व्यायाम के माध्यम से इस समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।