Kumbh Mela 2025 : कुंभ मेले का महत्त्व भारतीय संस्कृति और अध्यात्म में अत्यधिक विशेष है। 2025 का महाकुंभ मेला एक ऐसा अवसर है, जब करोड़ों श्रद्धालु संगम तट पर पवित्र स्नान करने और अंतर आत्मा की शांति प्राप्त करने आते हैं। इस ऐतिहासिक और धार्मिक आयोजन में केवल स्नान का ही नहीं, बल्कि पहनावे का भी महत्व होता है। खासतौर पर कपड़ों के रंग को बेहद खास माना जाता है। क्यों ये रंग पवित्रता का प्रतीक होते हैं। अगर आप इस साल कुंभ मेले में जा रही हैं तो किस रंग का सूट पहनें आइए विस्तार से जानते हैं।  

सफेद रंग का सूट

सफेद रंग को शांति, पवित्रता और सादगी का प्रतीक माना जाता है। कुंभ मेले जैसे धार्मिक आयोजन में सफेद कपड़े पहनना आपकी आंतरिक शांति को प्रदर्शित करता है, साथ ही आध्यात्मिक ऊर्जा के करीब भी ले जाता है। सफेद रंग नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। यह ध्यान और साधना के लिए बेहतरीन रंग माना जाता है।

लाल रंग का सूट

लाल रंग शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक है। यह रंग खासतौर पर उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो कुंभ मेले के दौरान अपने आत्मविश्वास और ऊर्जा का प्रदर्शन करना चाहते हैं। लाल रंग धार्मिक अनुष्ठानों में शुभ माना जाता है। यह रंग साहस और आत्म-शक्ति को जागृत करने में सहायक होता है।कुंभ मेले में लाल रंग  का सूट पहनकर आप आत्मविश्वास और सशक्त उपस्थिति का संदेश दे सकती हैं। 

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पीले रंग का सूट

पीला रंग भारतीय संस्कृति में ज्ञान, सकारात्मकता और ईश्वर भक्ति का प्रतीक है। यह रंग कुंभ मेले के माहौल के साथ पूर्णतः मेल खाता है और इसे पहनने वाले को आध्यात्मिक आनंद की अनुभूति होती है। पीला रंग भगवान विष्णु और गुरु के प्रति समर्पण को दर्शाता है। इसे पहनने से व्यक्ति के भीतर सकारात्मकता का संचार होता है। कुंभ मेले में कई साधु-संत और भक्तगण पीले वस्त्र धारण करते हैं, क्योंकि यह रंग ज्ञान और धर्म का प्रतीक है।