Kuttu Flour to Weight Loss: बढ़ता वजन किसी के भी लिए परेशानी का सबब बन सकता है। आप कई तरीकों से अपना वजन कम कर सकते हैं, इसमें खान-पान में बदलाव भी एक बड़ा तरीका है। आप गेहूं के आटे के बजाय डाइट में कुट्टू के आटे की रोटियां खाना शुरू कर सकते हैं। कुट्टू का आटा फाइबर रिच फूड है जो कि वजन को तेजी से कम करने में मदद कर सकता है। इतना ही नहीं इसका सेवन ब्लड शुगर कंट्रोल करने और पाचन तंत्र को सुधारने में भी होता है।
जो लोग कमजोर मांसपेशियों से जूझ रहे हैं उनके लिए भी कुट्टू के आटे से बनी रोटियां लाभकारी होती हैं। इनके सेवन से मांसपेशियों में मजबूती आती है और मेटाबॉलिज्म फंक्शन में सुधार होता है।
कुट्टू आटे की रोटियां खाने के फायदे
मसल्स बनाती है स्ट्रॉन्ग - कुट्टू का आटा प्रोटीन से भरपूर होता है। प्रोटीन शरीर के लिए आवश्यक है क्योंकि यह मांसपेशियों के निर्माण और मरम्मत में मदद करता है। कुट्टू के आटे से बनी रोटियां खाने से मांसपेशियों में मजबूती आती है।
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पाचन तंत्र में सुधार - कुट्टू की रोटियां डाइजेशन को बेहतर बनाती हैं। इनमें प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो पाचन तंत्र को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसका सेवन कब्ज, अपच, गैस जैसी समस्याओं से राहत दिलाने वाला हो सकता है।
वजन घटता है - नियमित कुट्टू के आटे से बनी रोटियां खाने से वजन कंट्रोल करने में मदद मिलती है। कुट्टू का आटा फाइबर रिच होता है और इसमें विटामिंस, मिनरल्स का भंडार है। इस आटे की रोटियां खाने से मेटाबॉलिज्म सुधरता है और काफी वक्त तक भूख नहीं लगती, जो वजन कम करने में मददगार होती है।
ब्लड शुगर कंट्रोल - कुट्टू के आटे का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, ऐसे में इसका सेवन करने से ब्लड शुगर स्पाइक नहीं होती है। डायबिटीज के मरीज अगर कुट्टू की रोटियां खाते हैं तो उन्हें इसका लाभ मिल सकता है।
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ग्लूटेन फ्री - कुट्टू के आटे की रोटियां ग्लूटेन फ्री होती हैं। ऐसे में जो लोग ग्लूटेन के प्रति संवेदनशील होते हैं, उनके लिए गेहूं के बजाय कुट्टू के आटे से बनी रोटियां खाना ज्यादा मुफीद हो सकता है।
(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ, डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)