Women's Day 2025: हर साल 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है, जो महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक उपलब्धियों को सम्मानित करने का दिन है। लेकिन बहुत कम महिलाएं ऐसी हैं जो अपने संवैधानिक अधिकारों के बारे में जानती हैं और उनका सही तरीके से इस्तेमाल भी करती हैं। तो इस महिला दिवस के खास अवसर पर आइए जानते हैं संविधान से मिले विशेष प्रावधानों के बारे में।
1. समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14-18)
संविधान के अनुसार, भारत में सभी नागरिक बराबर हैं, फिर चाहे वह पुरुष हो या महिला। किसी भी तरह का भेदभाव धर्म, जाति, लिंग, जन्म स्थान आदि के आधार पर नहीं किया जा सकता। वहीं भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15(3) में महिलाओं और बच्चों के लिए स्पेशल कानून बनाने की अनुमति देता है, ताकि वह समाज में आगे बढ़ सकें।

2. स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19-22)
भारतीय संविधान के अनुसार महिलाओं को भी पुरुषों की तरह बोलने, कहीं भी आने-जाने, अपने मनचाहे पेशे को अपनाने और अपनी पसंद का जीवन जीने का अधिकार है। अगर कोई महिलाओ की स्वतंत्रता छीनने की कोशिश करता है या डराने-धमकाने की कोशिश करता है, तो वह महिला कानूनी कार्रवाई कर सकती हैं।
3. शोषण के खिलाफ अधिकार (अनुच्छेद 23-24)
महिलाओं के खिलाफ किसी भी तरह के शोषण जैसे जबरन मजदूरी या मानव तस्करी कराना संविधान में गैरकानूनी घोषित किया गया है। संविधान के अनुसार 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से किसी भी तरह की मजदूरी कराना अवैध है।
4. सम्मान और गरिमा का अधिकार (अनुच्छेद 21)
संविधान के अनुच्छेद 21 में महिलाओं को सम्मान और गरिमा के साथ जीने का अधिकार है। अगर कोई उनके शारीरिक, मानसिक या भावनात्मक रूप से नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है, तो आप कानूनी सहायता ले सकती हैं। यौन उत्पीड़न, घरेलू हिंसा और दहेज प्रताड़ना जैसी चीजें संविधान के तहत अपराध मानी जाती हैं।
5. मातृत्व और श्रम अधिकार (अनुच्छेद 42)
महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान विशेष सुविधाएं और मातृत्व अवकाश यानी Maternity Leave देने का प्रावधान है। नौकरी करने वाली महिलाओं को सुरक्षित और स्वस्थ कार्यस्थल मिलना चाहिए, ताकि वे बिना किसी डर के काम कर सकें।
6. मतदान का अधिकार (अनुच्छेद 243D और 243T)
महिलाओं को चुनाव लड़ने और वोट देने का भी पूरा अधिकार है। इसके साथ ही पंचायत और नगर पालिकाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण का प्रावधान किया गया है, ताकि वे भी राजनीति में नेतृत्व कर सकें।