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Meditation Tips: मानसिक तनाव, अवसाद, चिड़चिड़ेपन से मुक्ति देकर मन को एकाग्रचित और शांत करने के लिए प्राचीनकाल से मेडिटेशन का सहारा लिया जाता रहा है। मेडिटेशन के कई तरीके हो सकते हैं। इनमें से कुछ के बारे में जानिए।

Meditation Tips: मानसिक तनाव, अवसाद, चिड़चिड़ेपन से मुक्ति देकर मन को एकाग्रचित और शांत करने के लिए प्राचीनकाल से मेडिटेशन का सहारा लिया जाता रहा है। मेडिटेशन के कई तरीके हो सकते हैं। इनमें से कुछ के बारे में जानिए।

शावर मेडिटेशन
जब भी आप शावर ले रहे हों तो कल्पना करें कि आप तनाव नकारात्मक विचारों, अवसाद और उद्विग्नता को पानी से बहाकर बाहर कर रहे हैं। अपनी त्वचा पर पानी की शीतलता और उसके दबाव से मिलने वाले आनंद को महसूस करें। आपको लगेगा मानो उदासी, दुख, पछतावा, चिंताएं निकालकर बहती हुई बाहर नाले में जा रही हैं। यह अभ्यास और नजरिया आपके तन के साथ-साथ मन को भी सुकून देगा।

विजुअलाइजेशन मेडिटेशन
जब भी आप विजुअलाइज करना यानी जो चाहते हैं, उसकी एक स्पष्ट छवि और स्पष्ट विचार की कल्पना करना सीख लेते हैं, तो आपके लिए उस चीज या लक्ष्य को हासिल करना आसान हो जाता है। विजुअलाइजेशन मेडिटेशन के लिए किसी शांत जगह पर आंखें बंद करके बैठ जाएं और पूरा ध्यान अपने लक्ष्य पर केंद्रित करते हुए उस चीज को देखें। इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा।

ग्रिटीट्यूड मेडिटेशन
जब आप अपनी तकदीर को उलाहना देना, अपराधबोध से उबरकर, प्रकृति को, लोगों को, अपनी किस्मत को और ईश्वर को धन्यवाद देना सीख लेते हैं, तो आपके मन में सकारात्मक के भाव आने लगते हैं। इसके लिए किसी बगीचे में या नदी किनारे आंखें बंद करके सुकून से आसन लगाकर बैठ जाएं। फिर धीरे-धीरे उन चीजों को याद करें, जो आपके पास हैं और इसके लिए सबका आभार व्यक्त करें।

मंत्र मेडिटेशन
इसमें किसी ध्वनि की बारंबार पुनरावृत्ति से मन को सुकून मिलता है। यह कोई शब्द, वाक्यांश या ध्वनि भी हो सकती है। जैसे प्रणवाक्षर ओम अत्यंत लोकप्रिय और प्रभावकारी मंत्र है। जब आप अपनी संपूर्ण मानसिक ऊर्जा इसके उच्चारण में लगाकर पूरी तरह इसमें लीन हो जाते हैं, तो मन मस्तिष्क और हृदय की गहराई तक सकारात्मक कंपन महसूस करते हैं।

बॉडी स्कैन मेडिटेशन
शरीर और मन के बीच संतुलन बिठाते हुए तनाव कम करने के लिए यह एक बेहतरीन मेडिटेशन है। आपको नई ऊर्जा महसूस होगी, एकाग्रता बढ़ेगी, मांसपेशियों को आराम मिलेगा और मन शांत होगा। किसी उद्यान या शांत जगह पर मैट बिछा कर लेट जाएं शरीर को ढीला छोड़कर आंखें मूंद लें। अपने पैर की अंगुलियां से शुरुआत करते हुए सर तक के शरीर के हर अंग पर ध्यान दें। जल्द ही आपको फर्क महसूस होने लगेगा।

शिखर चंद जैन

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