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National Youth Day 2025: हर साल 12 जनवरी को भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस (नेशनल यूथ डे) के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि आज ही के दिन स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ था।

National Youth Day 2025: हर साल 12 जनवरी को भारत में राष्ट्रीय युवा दिवस (नेशनल यूथ डे) के रूप में भी मनाया जाता है। क्योंकि करीब 162 साल पहले आज ही के दिन (12 जनवरी 1863 - 39 जुलाई 1902) स्वामी विवेकानंद का जन्म हुआ था। स्वामी विवेकानंद भारतीय संत, योगी और एक महान विचारक थे, जिन्होंने न केवल भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में वेदांत और योग के संदेश को फैलाया। वे रामकृष्ण परमहंस के प्रमुख शिष्य थे और भारतीय संस्कृति, धर्म, और समाज में जागरूकता लाने के लिए समर्पित थे। 

स्वामी विवेकानंद का सबसे प्रसिद्ध योगदान 1893 में शिकागो विश्व धर्म महासभा में दिया गया उनका भाषण है, जिसमें उन्होंने भारतीय धर्म और संस्कृति की महानता को विश्व के सामने प्रस्तुत किया। उन्होंने अपनी भाषण में कहा था, "आपका भारत एक ऐसी भूमि है जहाँ ज्ञान और तात्त्विक समझ को सर्वोत्तम माना जाता है, और यहाँ का धर्म सहनशीलता और सभी के प्रति प्रेम का संदेश देता है।"

स्वामी विवेकानंद का जीवन युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनका मानना था कि युवाओं में अनंत शक्ति होती है और यदि वे सही दिशा में मार्गदर्शन प्राप्त करें, तो वे समाज और राष्ट्र को महान बना सकते हैं। इसलिए यदि आप भी अपने जीवन में कुछ अच्छा करना चाहते है, तो स्वामी विवेकानंद द्वारा दिए गए कुछ सिद्धांतों को अपना सकते हैं। ये सिध्दांत न सिर्फ एक अच्छा इंसान बनने में मदद करेंगे साथ ही आपको हमेशा आत्मनिर्भरता, साहस, आत्मविश्वास और समाज की सेवा भाव भी उत्पन्न करेंगे।

युवाओं के लिए स्वामी विवेकानंद के अनमोल विचार 

स्वामी विवेकानंद के इन महत्वपूर्ण सिद्धांतों को आज के युवाओं को आत्मसात करने की बेहद आवश्यकता है। 

  • उठो, जागो और तब तक नहीं रुकें जब तक लक्ष्य न प्राप्त हो जाए।
  • आपका जीवन केवल आपके आत्मनिर्भरता का प्रतिबिंब होना चाहिए।
  • युवाओं में लोहे जैसी मांसपेशियां और फौलादी नसें हैं, जिनका हृदय वज्र तुल्य संकल्पित है।  
  • संगति आप को ऊंचा उठा भी सकती है और यह आप की ऊंचाई से गिरा भी सकती है। इसलिए संगति अच्छे लोगों से करें।
  • तुम्हें कोई पढ़ा नहीं सकता, कोई आध्यात्मिक नहीं बना सकता। तुमको सब कुछ खुद अंदर से सीखना है। आत्मा से अच्छा कोई शिक्षक नहीं है।
  • सबकुछ खो देने से भी अधिक बुरा आशा खो देना हैं जिसके विश्वास पर सबकुछ वापस पाया जा सकता है। 
  • शुरुआत में हर अच्छी बात का उपहास किया जाता है। फिर उसका विरोध होता है। अंततः उसे स्वीकार कर लिया जाता है।  
  • अगर धन दूसरों की अच्छा करने में मदद करें, तो यह कुछ मूल्यवान है। अन्यथा यह सिर्फ बुराई का ढेर है। जितनी जल्दी आप इससे छुटकारा पा लेंगे, उतना बेहतर है।
  • जमीन अच्छी हो, खाद अच्छी हो, पर पानी खारा हो तो फूल नहीं खिलते। भावनाएँ अच्छी हों, कर्म भी अच्छे हों, पर वाणी खराब हो तो रिश्ते कभी टिकते नहीं। 
  • युवा वह है जिसके हाथों में ताकत हो, पैरों में गति हो, दिल में ऊर्जा हो और आंखों में सपने हों। 

स्वामी विवेकानंद ने जीवन भर भारत में शिक्षा, समाज सुधार, और धार्मिक पुनर्निर्माण के लिए कार्य किया। उनका योगदान आज भी लोगों को प्रेरित करता है, और उनके विचारों को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाने का उद्देश्य युवाओं में उनके आदर्शों को जीवन में अपनाने के लिए प्रेरित करना है

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