Navratri 2024: आजकल नवरात्र चल रहे हैं। इन नौ दिनों में आदिशक्ति की उपासना करते हुए, उपासकों का मन उत्साह-उमंग से भरा रहता है। खासकर महिलाओं के लिए तो नवरात्र का पर्व, विशेष महत्व रखता है। वे हर दिन, मां के विभिन्न स्वरूपों की स्तुति करते हुए, उनसे प्रेरणा लेती हैं। मां दुर्गा के आशीर्वाद से अपनी आत्मशक्ति को जागृत करती हैं। इसी आत्मशक्ति के बल पर स्त्रियां अपने जीवन में आने वाली बाधाओं से पार भी पाती हैं। लेकिन अपनी आत्मशक्ति को बढ़ाने के साथ ही महिलाओं को चाहिए कि नवरात्र के समापन पर कुछ और भी ऐसे संकल्प लें, जो उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाएं, उन्हें सबल और सशक्त बनाने में सहायक हों। 

स्वस्थ रहने पर दें जोर 
मां दुर्गा की उपासना करते हुए महिलाएं अपने परिवारजनों के जीवन को खुशहाल बनाने की प्रार्थना करती हैं। उन्हें स्वस्थ और निरोगी रखने की कामना करती हैं। लेकिन वह इस प्रार्थना में स्वयं को भूल जाती हैं। नवरात्र ही नहीं, सामान्य दिनों में भी अपने स्वास्थ्य के प्रति महिलाएं उदासीन रहती हैं। यही कारण है कि हमारे देश की आधी आबादी कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से घिरी रहती है। इस बात की पृष्टि समय-समय पर होने वाले स्वास्थ्य सर्वेक्षण भी करते हैं। यह समस्या इतनी बड़ी है कि केंद्र और राज्य सरकारों तक को स्वास्थ्य जागरुकता अभियान चलाने पड़ते हैं। लेकिन जब तक महिलाएं स्वयं अपने स्वास्थ्य को लेकर जागरूक नहीं होंगी, तब तक कोई भी बदलाव संभव नहीं है।

इस नवरात्र में महिलाएं मां दुर्गा के सामने स्वयं को स्वस्थ रखने का संकल्प लें। वे अपने स्वास्थ्य पर भी उतना ही ध्यान दें, जितना अपने परिवार के लोगों की सेहत पर देती हैं। इसके लिए महिलाएं स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। अपनी आयु के अनुसार पौष्टिक आहार लें। साथ ही व्यायाम और योग को भी अपने जीवन का अनिवार्य हिस्सा बनाएं। नियमित रूप से इन बातों को अमल में लाकर आप अपने भीतर ऊर्जा और शक्ति को बढ़ा सकती हैं। इसी शक्ति और ऊर्जा के बल पर अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए भी प्रयास कर सकती हैं। इस तरह आप स्वस्थ रहकर सबल-सशक्त होंगी। 

बनें आर्थिक रूप से स्वतंत्र
जितना जरूरी स्वस्थ रहना है, उतना ही जरूरी आर्थिक रूप से स्वतंत्र रहना भी है। आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर महिला अपने जीवन से जुड़े फैसले आसानी से ले सकती है। वह किसी भी तरह के शोषण या दबाव का शिकार नहीं होती है, इसलिए इस नवरात्र मां दुर्गा के सम्मुख आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनने का संकल्प भी लें। इसके लिए छोटे-छोटे प्रयास करें। 

अगर आप गृहिणी हैं, तो घर से ही कोई बिजनेस या काम करने की शुरुआत करें। जैसे आप घर से ही क्लाउड किचेन शुरू करके अच्छी अर्निंग कर सकती हैं। अगर आप पढ़ी-लिखी, वर्किंग वूमेन हैं तो अपनी स्किल्स को बढ़ाइए और खुद का करियर आगे बढ़ाने का प्रयास कीजिए, हायर पोजिशन पर पहुंचने की कोशिश कीजिए। 

आत्मरक्षा की लें जिम्मेदारी
देखा गया है कि आर्थिक रूप से सक्षम महिलाएं मजबूती से अपने फैसले खुद ले सकती हैं, लेकिन जब बात आत्मरक्षा की आती है तो वे कई बार कमजोर पड़ जाती हैं। वह अनजान पुरुषों के बुरे व्यवहार का जवाब देने से घबरा जाती हैं। इसकी वजह कहीं ना कहीं, बेटियों की परवरिश में छुपी हुई है, क्योंकि आज भी माता-पिता बेटियों को आत्मरक्षा की सीख नहीं देते हैं। 

यही कारण है कि आज भी हमारे समाज में महिषासुर जैसे राक्षस बेखौफ घूम रहे हैं। इनसे लड़ने का एक मात्र तरीका है कि महिलाएं, बेटियां अपनी आत्मरक्षा का जिम्मा खुद लें। तो इस नवरात्र आदिशक्ति के सामने अपनी आत्मरक्षा का प्रण लें। बुरे पुरुषों से अपनी रक्षा करने के लिए कराटे, जूडो जैसी फाइटिंग स्किल्स सीखें। साथ ही अपने आत्मविश्वास को भी बढ़ाएं, अगर कोई पुरुष आपको बुरी नजरों से देखता है या आपके साथ बुरा व्यवहार करने की कोशिश करता है तो उसे मुंह तोड़ जवाब दें। 

महिलाए बनाएं एक-दूसरे को सशक्त 
नवरात्र में हर महिला को सबल-सशक्त बनने का संकल्प लेना ही चाहिए। इसी के साथ अपने स्तर पर ऐसे प्रयास भी करने चाहिए, जिससे समाज में दूसरी महिलाओं की स्थिति में सुधार आए। आप दूसरी महिलाओं को स्वस्थ रहने की सीख दे सकती हैं। उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र सक्षम बनाने की राह दिखा सकती हैं। इसी के साथ उन्हें आत्मरक्षा के गुर भी सीखा सकती हैं। एनजीओ खोलकर भी लाचार और अबला महिलाओं की मदद कर सकती हैं। इस तरह एक महिला, दूसरी महिला को सबल, सशक्त बनाने का काम कर सकती है। इससे एक बड़ा सामाजिक बदलाव आएगा।