Logo
Neem Nimboli Benefits: नीम की निंबोली यानी नीम के छोटे-छोटे फल, जिनसे मानसून के मौसम में नीम के पेड़ लदे रहते हैं, इन्हें खाने से इस मौसम में होने वाले तरह-तरह के संक्रमणों से पूरी तरह से सुरक्षित रहता है। जानें अनेक फायदे

Neem Nimboli Benefits: नीम की निंबोली यानी नीम के छोटे-छोटे फल, जिनसे मानसून के मौसम में नीम के पेड़ लदे रहते हैं, इन्हें खाने से इस मौसम में ना केवल हमारी इम्यूनिटी बढ़ती है बल्कि हमारा शरीर इस मौसम में होने वाले तरह-तरह के संक्रमणों से पूरी तरह से सुरक्षित रहता है। 

होते हैं कई पोषक तत्व
नीम की निंबोली खाने में तो कड़वी होती है, लेकिन इसमें विटामिन-सी, एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटीबैक्टीरियल और एंटीइंफ्लेमेट्री गुण पाए जाते हैं, उसके कारण हमारा ब्लड शुगर भी कंट्रोल में रहता है और इस मौसम में त्वचा में होने वाले बहुत तरह के बैक्टीरियल इंफेक्शन से भी हम बचे रहते हैं। 

पेड़ का हर हिस्सा लाभकारी
हालांकि नीम का पूरा पेड़ हमारे स्वास्थ्य के लिए हर तरह से बहुत फायदेमंद होता है। इसलिए नीम को आयुर्वेद में औषधियों का खजाना कहते हैं। नीम की पत्तियां, उसकी कोंपलें और इसके फल यानी निंबोली, सब कुछ खाने से हमें फायदा होता है। चूंकि मानसून के मौसम में दूसरे मौसमों के मुकाबले बैक्टीरिया और वायरस के पनपने की दर कई गुना ज्यादा बढ़ जाती है, जिसके कारण बीमार होने के खतरे भी काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं। इसलिए हर्बल एक्सपर्ट बारिश के मौसम में नीम की पत्तियां या निंबोलियां खाने का सुझाव देते हैं। नीम का फल चूंकि इस मौसम में विशेष रूप से पाया जाता है और उसमें पत्तियों और छाल के मुकाबले कहीं ज्यादा नीम के गुण मौजूद होते हैं, इसलिए हर्बल के जानकार मानसून के मौसम में नीम के फलों यानी निंबोलियों के सेवन की सलाह देते हैं। नीम की पत्तियों वाले पानी से इस मौसम में नियमित नहाएं तो त्वचा में होने वाले संक्रमणों से बचे रह सकते हैं। 

निंबोली खाने के विशेष लाभ
पीले रंग का यह फल अनोखे स्वाद वाला  होता है। हालांकि खाने में यह कड़वा ही लगता है, लेकिन दो चार बार खाने के बाद अगर हम इसे आराम से खाने की आदत बना लें तो सप्ताह में 3 से 4 बार भी पांच-छह निंबोली खाकर इस मौसम में स्वस्थ रह सकते हैं। जो लोग नीम निंबोली को खाने में मुश्किल महसूस करते हैं, उन्हें इस मौसम में नीम की पत्तियां खाने की आदत डालनी चाहिए। मानसून के मौसम में एग्जिमा और सोरायसिस जैसी त्वचा संबंधी बीमारियों के तेजी से होने और बढ़ने का खतरा रहता है। नीम की निंबोलियां इनको रोकती हैं, क्योंकि नीम की निंबोलियां खाने से हमारा ब्लड फिल्टर होकर प्योर होता है, जिस कारण एग्जिमा और सोरायसिस जैसी त्वचा संबंधी बीमारियां नहीं होतीं।

बरतें सावधानी
नीम का हर हिस्सा जिस तरह से इंसान के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है, लेकिन इसके इस्तेमाल पर भी सावधानी बरतने की जरूरत होती है। इसलिए बहुत सोच, समझकर और आयुर्वेद विशेषज्ञ से पूछकर ही सेवन करना चाहिए। यदि आपके लीवर या किडनी में कोई समस्या हो तो नीम के किसी भी पदार्थ के सेवन से बचना चाहिए। गर्भवती महिलाओं को बिना किसी विशेषज्ञ की मदद के इसे कतई इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। 

5379487