Pregnancy Tips: एक महिला जिसकी प्रेग्नेंसी का छठा महीना चल रहा था। इस दौरान वह अपने पैरों में सूजन की समस्या देखकर परेशान हो रही थी। जब उसने यह बात अपनी मम्मी को बताई तो उन्होंने कहा कि गर्भावस्था के दौरान कुछ महिलाओं के साथ ऐसी समस्या होती है, पर डिलीवरी के बाद सूजन अपने आप दूर हो जाती है, इसलिए चिंता की कोई बात नहीं है। फिर भी दर्द की वजह से जब उस महिला को लगातार परेशानी हो रही थी। तो उसने डॉक्टर की सलाह ली। जानिए क्या होती है इसकी वजह, आपको भी पता होनी चाहिए।

क्या है वजह
गर्भावस्था के दौरान स्त्री का शरीर गर्भस्थ शिशु के विकास के लिए अधिक मात्रा में तरल पदार्थों का निर्माण करता है, जिससे शरीर में सामान्य से अधिक पानी जमा हो जाता है, यह जमाव शरीर के निचले हिस्से में होता है और इसी वजह से पैरों में सूजन की समस्या होती है। बढ़ते गर्भ का दबाव पैरों में रक्त प्रवाह को प्रभावित करता है, इससे पैरों में तरल पदार्थ जमा हो जाता है। हार्मोन संबंधी असंतुलन के कारण भी ऐसी समस्या होती है। प्रोजेस्टेरॉन हार्मोन के कारण रक्तवाहिनी नलिकाएं लचीली हो जाती हैं, इससे तरल पदार्थ अन्य कोशिकाओं में चला जाता है, जिससे पैरों में सूजन आ जाती है। 

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छठे से नौवें महीने तक सूजन की समस्या और बढ़ जाती है। इसके अलावा गर्भावस्था के दौरान जो महिलाएं देर तक खड़ी रहती हैं, उनमें सूजन की समस्या अधिक होती है। खासतौर पर शाम के वक्त सूजन बढ़ जाती है। दोनों पैरों के अलावा अंगुलियों में भी सूजन आ जाती है। गर्भावस्था के दौरान पैरों में सूजन स्वाभाविक है, लेकिन इसके साथ अगर अचानक चेहरे पर भी सूजन आ जाए तो यह ब्लडप्रेशर बढ़ने का संकेत हो सकता है।

कैसे करें बचाव
लंबे समय तक खड़े होने या कुर्सी पर पैर लटकाकर बैठने से बचें। अगर ऑफिस में डेस्क जॉब करती हों तो पैरों के नीचे छोटा स्टूल रखें, हर एक घंटे के अंतराल पर पांच मिनट के लिए टहलें। सोते समय बांईं तरफ करवट करके लेटें। नियमित रूप से वॉक के लिए समय निकालें, इससे पैरों में रक्त प्रवाह ठीक रहेगा और सूजन की समस्या से राहत मिलेगी। टाइट मोजे ना पहनें, इससे सूजन की समस्या बढ़ सकती है। बेहतर होगा कि कंप्रेशन स्टॉकिंग्स पहनें। अगर हाई ब्लडप्रेशर की समस्या हो तो खाने में नमक का अधिक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, क्योंकि नमक में मौजूद सोडियम पानी को आकर्षित करता इससे भी पैरों सूजन की समस्या हो सकती है। 

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इससे बचाव के लिए पैरों के टखनों को गोलाकार गति में घुमाएं। ढीले और आरामदेह कपड़े पहनें। लेटते या सोते समय तकिये पर पैरों को टिकाकर रखें। हील वाले फुटवियर ना पहनें। रात को सोने से पहले सेंधा नमक मिले गुनगुने पानी के टब में आधे घंटे तक पैरों को डुबोकर रखें। हालांकि गर्भावस्था के दौरान पैरों में होने वाले सूजन का खान-पान से कोई सीधा संबंध नहीं है। फिर भी पौष्टिक और संतुलित भोजन करना चाहिए। रोजाना की डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियां, केला और ड्राई फ्रूटस को प्रमुखता से शामिल करना चाहिए। आमतौर पर इन उपायों को अपनाने से गर्भावस्था के दौरान पैरों में सूजन से राहत मिलती है, अगर इन कोशिशों के बावजूद समस्या में सुधार ना हो तो स्त्री रोग विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

डिस्क्लेमर: यह मेडिकल एडवाइस डॉ. मधु गोयल एचओडी-गायनेकोलॉजी (फोर्टिस ला फेम हॉस्पिटल, एनसीआर) से बातचीत पर आधारित है। haribhoomi.com  इसकी पुष्टि नहीं करता है। कोई भी उपचार या अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।     

प्रस्तुति:विनीता