shahid diwas 2025: भारत मां के अमर सपूतों को इन जोशीले संदेशों से करें सलाम! रग-रग में भर जाएगा देशभक्ति का जज्बा  

shahid diwas 2025: Salute Bhagat Singh, Sukhdev and Rajguru with these heart-warming messages
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भारत मां के अमर सपूतों को इन जोशीले संदेशों से करें सलाम!
shahid diwas 2025: आज 23 मार्च को शहीद दिवस है। यह दिन भारत के अमर सपूत भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का याद करने का दिन है।

shahid diwas 2025: आज 23 मार्च को शहीद दिवस है, जिसे देशभर में जोश और जज्बे के साथ मनाया जाता है। यह दिन भारत के अमर सपूत भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का याद करने का दिन है। यह वही दिन है जब 1931 में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को ब्रिटिश हुकूमत द्वारा फांसी दी गई थी। इन तीनों वीरों ने अपनी जान की कुर्बानी दी, ताकि हम स्वतंत्रता का अनुभव कर सकें। उनके साहस, संघर्ष और देशप्रेम को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए हम हर साल शाहीद दिवस मनाते हैं।

इस दिन हम उनके बलिदान को न केवल याद करते हैं, बल्कि उनके विचारों और आदर्शों को अपनाकर अपने दिलों में जोश और देशभक्ति की भावना को जगाते हैं। आइए, इस शाहिद दिवस पर हम कुछ प्रेरणादायक संदेशों के माध्यम से इन महान शहीदों को सलाम करें और उनके सपनों को साकार करने का संकल्प लें।

अमर है भारत मां के वीर सपूत
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान शहीद वीर- भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु आज हमारे बीच नहीं है। लेकिन इतिहास उनकी शहादत ने उन्हें अमर कर दिया है। आजादी के 77 साल बाद भी भगत सिंह का नारा- 'सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजु-ए-कातिल में है' आज भी हर देश बासी के खून के एक-एक कतरे में देशभक्ति का जुनून और जज्बा जगा देता है। इन तीनों वीर सपूतों ने एक ऐसी मिसाल कायम की है, जिसका उदाहरण आज भी लोग देते हैं।

इन जोशीले संदेशों से करें महान शहीदों को सलाम

1. लड़े वो वीर जवानों की तरह,
ठंडा खून भी फौलाद हुआ,
मरते-मरते भी कई मार गिराए,
तभी तो देश आजाद हुआ,

2. शेर टंग गए फांसी पर,
गीदड़ बन गए राजा,
एक क्रांति की होर जरूरत है,
मेरे भगतसिंह आजा।

3. अगर आपके लहू में रोष ,
नहीं है, तो ये पानी है,
जो आपकी रगो में वह रहा है।
ऐसी जवानी का क्या मतलब ,
अगर वो मातृभूमि के काम न आए।

4. लिख दू लहू से अमर कहानी ,
वतन के खातिर ,
कर दू कुर्बान हंसकर ,
ये वतन के खातिर,

5. गुलामी क्या था ये हम क्या जानें,
हमने तो हमेशा आजादी में सांस ली है,
गुलामी क्या है ये तो वे ही बता पाएंगे,
जिन्होंने आजादी के लिए कुर्बानी दी है।
शहीद दिवस पर वीर सपूतो को शत-शत नमन!

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