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Street Food: बारिश के मौसम में लोगों को सड़क किनारे लगे ठेलों पर गोलगप्पे नहीं खाना चाहिए। क्योंकि इसे खाना सेहत के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकता है। इससे पेट में इंफेक्शन समेत कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

Street Food: देशभर में अधिकतर लोगों को गोलगप्पे खाना खूब पसंद होता है। कई जगहों पर इन्हें पानीपूरी और बताशे के नाम से भी जाना जाता है। यह सबसे ज्यादा पसंदीदा स्ट्रीट फूड है, जिसका नाम लेते ही मुंह में पानी आ जाता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि बारिश के मौसम में इसका सेवन करना चाहिए या नहीं? कई जगहों पर गोलगप्पे खाने से लोगों में टाइफाइट, हैजा, पेट में इंफेक्शन के मामले देखे जा चुके हैं।

पिछले कुछ दिनों पहले कर्नाटक में गोलगप्पे के पानी में एफएसएसआई को बेहद खतरनाक तत्व मिले थे। ऐसे में मन में सवाल उठता है कि क्या मानसूनी सीजन में गोलगप्पे खाना चाहिए? यहां जानिए बारिश के मौसम में स्वास्थ्य के लिए गोलगप्पे का सेवन कैसा होगा... 

पानीपूरी कैसे पहुंचाती हैं हेल्थ को नुकसान 
इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के विशेषज्ञों ने बताया कि गोलगप्पे (पानीपूरी) बरसात के मौसम में अवॉइड करने चाहिए, यह फूड और वॉटर बॉर्न डिजीज फैलने का कारण बन सकता हैं, बारिश के मौसम में डेंगू, मलेरिया ही नहीं, बल्कि पेट पर इंफेक्शन, हैजा और खूनी दस्त का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। पानीपूरी खिलाने या बनाने वाला व्यक्ति अगर बिना ग्लव्स पहने ऐसा करते हैं, तो उसके हाथों पर लगे बैक्टीरिया, वायरस और फंगस गोलगप्पे के पानी में मिल सकते हैं, ऐसे में पानीपूरी खाने वाले लोग बीमार पड़ सकते हैं।

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पानीपूरी खाने से हो सकती हैं ये गंभीर बीमारी 
पानीपूरी खाने से पेट में कई प्रकार की बीमारी हो सकती हैं। जैसे-पेट में इंफेक्शन, हैजा, दस्त या अन्य इंफेक्शन कई बार तो हल्के होते हैं। जिसमें मरीज इलेक्टोरल पाउडर पीने से ठीक हो जाते हैं, जबकि कई बार इंफेक्शन सीरियस हो जाते हैं और लोगों को हॉस्पिटल जाने की नौबत आ जाती है। कई मामलों में ये इंफेक्शन ब्लड प्रेशर, किडनी और यूरिन प्रॉब्लम्स की वजह बन जाते हैं, जिसकी वजह से अस्पताल में उन्हें आईवी फ्लूड और एंटीबॉयोटिक देने पड़ते हैं। खासतौर से जिन लोगों की पाचनशक्ति कमजोर है, उन्हें सड़क किनारे लगे गोलगप्पे खाने से बचना चाहिए।

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घर में गोलगप्पे बनाकर खाना बेहतर 
हाल ही में कर्नाटक में FSSAI ने सड़क किनारे गोलगप्पे ठेले के सैंपल लेकर उनकी जांच की थी। इसमें पता चला कि इन गोलगप्पों को बनाते समय विभिन्न कलर्स व फ्लेवर्स का उपयोग किया जाता है। इससे शरीर में कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। ये सभी कलर्स गोलगप्पे का स्वाद व बेहतर दिखने के लिए इस्तेमाल करते है। इसमें कैंसर समेत कई जानलेवा बीमारियों का रिस्क भी बढ़ जाता है, ऐसे में लोगों को बाहर के गोलगप्पे खाने से बचना चाहिए। लेकिन यदि आपको फिर भी गोलगप्पे खाना है तो घर में गोलगप्पे बनाकर खाना बेहतर होगा।

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