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Chaitra Navratri Day 7 Color: नवरात्रि का हर दिन देवी दुर्गा के अलग-अलग रूपों के लिए समर्पित होता है। इस खास मौके पर सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है, जो बुरी शक्तियों का नाश करने वाली देवी हैं। इस दिन विशेष रूप से नीले रंग का महत्व बताया गया है। नीला रंग स्थिरता और आत्मबल का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि अगर इस दिन भक्त नीले रंग के वस्त्र धारण कर मां कालरात्रि की आराधना करें, तो वे अपने भक्तों पर अपार कृपा बरसाती हैं। 

चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन क्यों पहनें नीली साड़ी?

नवरात्रि के हर दिन का एक विशेष रंग होता है, जो मां के अलग-अलग रूपों से जुड़ा होता है। सप्तमी तिथि पर नीला रंग धारण करना शुभ माना जाता है क्योंकि यह रंग शक्ति और गहरे आत्म-चिंतन का प्रतीक है। मां कालरात्रि जो अंधकार को समाप्त करने वाली देवी हैं, उनकी पूजा में यह रंग विशेष फलदायी माना गया है।

  • नीला रंग आत्मबल और धैर्य का प्रतीक है।
  • यह देवी की कृपा पाने और नकारात्मक ऊर्जा से बचाव करने में सहायक होता है।
  • यह रंग मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति को दर्शाता है।
  • मां कालरात्रि की कृपा से यह रंग जीवन में स्थिरता और शक्ति लाता है।

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मां कालरात्रि की पूजा-अर्चना कैसे करें?

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और नीले रंग के वस्त्र पहनें।
  • मां कालरात्रि की प्रतिमा या चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित करें।
  • गुड़ या नारियल का भोग अर्पित करें, क्योंकि यह मां को प्रिय है।
  • नीले फूलों से मां की पूजा करें।
  • 'ॐ कालरात्र्यै नमः' मंत्र का 108 बार जाप करें।
  • रात्रि में मां की आरती करें और प्रसाद बांटें।

मां कालरात्रि की कृपा से क्या लाभ मिलता है?

  • जीवन से सभी प्रकार के भय और नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है।
  • आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होती है।
  • आध्यात्मिक शक्ति और मानसिक शांति मिलती है।
  • सुख-समृद्धि का वरदान प्राप्त होता है।

चैत्र नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की उपासना करने से जीवन की हर कठिनाई का समाधान मिलता है। नीले रंग की साड़ी पहनकर उनकी आराधना करने से देवी की कृपा जल्दी प्राप्त होती है और जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है।