Day 6 Chaitra Navratri Color: चैत्र नवरात्रि का छठा दिन मां कात्यायनी को समर्पित होता है। मां दुर्गा का यह स्वरूप साहस, प्रेम और विजय का प्रतीक माना जाता है। इस दिन जो महिलाएं श्रद्धा भाव से मां कात्यायनी की पूजा करती हैं, उनके जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। छठे दिन का खास महत्व इसलिए भी है, क्योंकि मां कात्यायनी अविवाहित कन्याओं को मनचाहा वर देती हैं। इस दिन देवी को प्रसन्न करने के लिए आप लाल रंग की साड़ी पहनकर पूजा-अर्चना कर सकती हैं।
लाल रंग का महत्व
यह रंग ऊर्जा, प्रेम, शक्ति और समृद्धि का प्रतीक है। इस दिन लाल रंग की साड़ी पहनना न सिर्फ शुभ माना जाता है बल्कि यह आपके व्यक्तित्व में भी निखार लाता है। लाल रंग आत्मविश्वास बढ़ाता है और मां कात्यायनी का विशेष आशीर्वाद दिलाता है। पूजा के दौरान जब आप लाल साड़ी में मां की प्रतिमा के सामने उपस्थित होती हैं, तो आपकी भक्ति और रंग का तालमेल मां को तुरंत आकर्षित करता है।
किस साड़ी में आप खूबसूरत लगेंगी
इस दिन आप सिल्क, बनारसी, या कढ़ाईदार लाल साड़ी पहन सकती हैं। अगर साड़ी में हल्का गोल्डन या सिल्वर वर्क हो तो यह और भी आकर्षक लगेगी। साथ ही गहनों में पारंपरिक झुमके, चूड़ियां और बिंदी आपकी खूबसूरती को निखार देंगे। लाल रंग की साड़ी पहनने से आपके चेहरे पर सकारात्मकता नजर आएगी, जो इस पर्व के लिए बेहद जरूरी है।
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मां कात्यायनी की पूजा विधि
- सुबह स्नान करके लाल साड़ी पहनें।
- पूजा स्थान को स्वच्छ करके मां कात्यायनी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- मां को लाल फूल, रोली, अक्षत, हलवा-पूरी, और मिठाई का भोग लगाएं।
- मां से सुख, समृद्धि, विवाह, संतान और कष्ट निवारण की प्रार्थना करें।
इस दिन का विशेष महत्व
जो भक्त मन से मां कात्यायनी की पूजा करते हैं, उनके जीवन में प्रेम, सामर्थ्य और शांति बनी रहती है। खासकर कन्याओं के लिए यह दिन विशेष माना जाता है। जो लड़कियां अच्छे वर की कामना करती हैं, उन्हें इस दिन मां कात्यायनी का व्रत और पूजन अवश्य करना चाहिए। इस बार जब आप छठे दिन की पूजा करें, तो लाल रंग की साड़ी पहनकर मां का ध्यान करें। यह रंग न केवल देवी को प्रिय है, बल्कि आपके चेहरे पर भी मुस्कान लेकर आएगा।