Autoimmune Diseases: ऑटो इम्यून डिजीज पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को क्यों ज्यादा होती है, इस सवाल का जवाब सामने आ गया है। हाल ही में हुई एक स्टडी में वैज्ञानिकों ने इसका हल खोज लिया है। ऑटो इम्यून डिजीज एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर में मौजूद बीमारियों से लड़ने वाले सेल्स बॉडी के अच्छे सेल्स को हमलावर समझकर उन्हें खत्म करने लगते हैं। दुनियाभर में लाखों लोग इस बीमारी से पीड़ित हैं और अब तक इससे निपटने के लिए स्थायी इलाज नहीं मिल सका है।
एक्स क्रोमोसोम हैं वजह
महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले ऑटो इम्यून डिजीज ज्यादा क्यों घेरती हैं, इसका जवाब एक स्टडी में सामने आया है। इंडियन एक्स्प्रेस के मुताबिक सेल जरनल स्टडी में इसकी वजह एक्स (X) क्रोमोसोम को माना गया है। रिसर्चर्स ने खोजा कि कुछ खास मॉलिक्यूल्स जो कि महिलाओं के अतिरिक्त एक्स क्रोमोसोम से जुड़ते हैं वे इम्यून सिस्टम को भ्रमित कर देते हैं और बीमारी की स्थिति पैदा करते हैं।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक महिलाएं दो एक्स क्रोमोसोम को कैरी करती हैं, जबकि पुरुष एक्स और वाय दो क्रोमोसोम को कैरी करते हैं। इस वजह से महिलाओं में इस बीमारी का खतरा दोगुना हो जाता है। इस बीमारी को रोकने का कोई स्थायी हल नहीं है, लेकिन लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव से इसे बहुत हद तक काबू में रखा जा सकता है।
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लाइफस्टाइल, खान-पान में करें बदलाव
हेल्दी फूड - पोषण से भरपूर फूड शरीर के लिए बेहद जरूरी होता है। ऑटो इम्यून डिजीज को काबू में रखने के लिए प्रोसेस्ड फूड और चीनी से भरपूर चीजों को खाना बंद कर दें। अलग-अलग तरह के फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन वाली चीजें डाइट में शामिल करें।
रेगुलर मूवमेंट - ऑटो इम्यून डिजीज होने की स्थिति में शरीर को ज्यादा वक्त तक इनएक्टिव न रखें। नियमित एक्सरसाइज़ करें, इससे इम्यून हेल्थ बेहतर बनेगी। हेल्दी रहने के लिए डांसिंग, स्वीमिंग या साइक्लिंग जैसी एक्सरसाइज़ को भी लाइफस्टाइल में शामिल किया जा सकता है।
क्वालिटी स्लीप - आप अगर ऑटो इम्यून डिजीज से पीड़ित हैं तो इसे काबू में रखने के लिए पर्याप्त नींद भी अहम भूमिका निभा सकती है। इसके लिए रोज 7-8 घंटे की क्वालिटी स्लीप लें।
स्ट्रेस मैनेज करें - आप अगर ज्यादा तनाव में रहते हैं तो ऑटो इम्यून डिजीज ट्रिगर कर सकती है। इसीलिए स्ट्रेस मैनेज करने की आदत डालें। इसके लिए रिलैक्सेशन टेक्निक जैसे योग, मेडिटेशन या डीप ब्रीथिंग को अपना सकते हैं।
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वजन काबू में रखें - ऑटो इम्यून डिजीज में बढ़ता वजन मुश्किलें खड़ी कर सकता है। इसीलिए अपने वजन को कंट्रोल में रखना जरूरी है। ज्यादा वजन से शरीर पर दबाव पड़ता है और ये सूजन की वजह बनता है।
स्मोकिंग, शराब से दूरी - सामान्य स्थितियों में भी स्मोकिंग और शराब शरीर को नुकसान पहुंचाती है। ऑटो इम्यून डिजीज होने की सूरत में सिगरेट, शराब पीने से स्थिति और भी खराब हो सकती है। ऐसे में इन चीजों से दूरी बनाना बेहतर है। आप इन्हें छोड़ नहीं पा रहे हैं तो इनकी मात्रा सीमित जरूर कर लें।