Diwali 2024: दिवाली का त्योहार आने में बस चंद दिन बचे हैं और इन दिनों लोग इसकी तैयारियां जोरों-शोरों से कर रहे हैं। इस साल यह त्योहार 31 अक्टूबर को मनाया जाएगा। हालांकि, दिवाली पर ढेर सारे पकवान और मिठाईयां बनाई जाती है। लेकिन खास परंपरा ये भी है कि दिवाली पर सभी के घरों में सूरन यानी जिमीकंद की सब्जी बनाई जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस दिन ये सब्जी क्यों बनाई जाती हैं, अगर नहीं। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं...

दिवाली पर क्यों बनाते हैं जिमीकंद की सब्जी?
जिमीकंद एक ऐसी सब्जी है, जिसे ओल, सूरन या हाथी पैर रतालू के नाम से भी जाना जाता है और यह दिवाली के खास मौके पर जरूर बनाई जाती है। इस सब्जी को बनाने की परंपरा मुख्य रूप से पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में के लोग निभाते हैं। लेकिन इस परंपरा का पालन अधिकतर हर लोग करते हैं। दरअसल, मान्यताओं के अनुसार, दिवाली के दिन जिमीकंद यानी सूरन खाने से घर में सुख-समृद्धि आती है। वहीं जिमीकंद को काटने के बाद यह फल दोबारा उग जाते है। जिसकी वजह से इस सब्जी को सुख-समृद्धि से जोड़कर देखा जाता है और इसलिए दिवाली पर इसे बनाना शुभ माना जाता है। 

हालांकि, ये भी माना जाता है कि यह सब्जी कभी खराब नहीं होती। इसलिए इस खास मौके पर इसे बनाकर मां लक्ष्मी को भोग लगाया जाता है और उनसे प्रार्थना की जाती है कि जिस तरह जिमीकंद कभी खराब नहीं होता और हमेशा फलता-फूलता रहता है, उसी तरह हमारे घर में भी खूब सुख-समृद्धि आए। 

जिमीकंद की सब्जी खाने के फायदे
इसके अलावा जिमीकंद सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद होता है। इसमें कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं। जिमीकंद को एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्वों का सबसे अच्छा स्रोत माना जाता है। इसमें प्रचुर मात्रा में फाइबर, विटामिन, और खनिज होते हैं जो सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माने जाते हैं। इसके साथ ही जिमीकंद का सेवन पाचन तंत्र को सुधारने में मदद करता है। यह कब्ज की समस्या के साथ पेट की ऐंठन, अपच और गैस जैसी समस्या से भी राहत दिलाता है।