Yoga For Eyesight: आज के मोबाइल, लैपटॉप के इस जमाने में हम सबकी आंखें दिन के कई घंटे स्क्रीन पर व्यस्त रहती हैं। कुछ समय पहले तक कुछ गिने-चुने पेशेवरों को ही दिन में 5-6 घंटे लगातार अपनी आंखों को स्क्रीन पर देखने पर केंद्रित करना पड़ता था। लेकिन आज तो लगभग हर उम्र और वर्ग के लोग हर दिन औसतन 6-7 घंटे स्क्रीन पर नजरें टिकाए बिताता है। यही कारण है कि आज भारत में काफी लोगों को या तो चश्मा चढ़ गया है या वे आंखों की किसी ना किसी समस्या से पीड़ित हैं। ऐसे में अकसर लोग अपनी आंखों की रोशनी को बरकरार रखने के लिए कभी दवा खाते हैं, कभी कोई आई ड्रॉप डालते हैं या कुछ ना कुछ उपचार करते रहते हैं। 

योग विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर हर दिन सुबह-शाम 10 मिनट त्राटक योगासन कर लिया जाए तो आंखों से धुंधला दिखने की समस्या ना सिर्फ खत्म हो जाती है बल्कि इस नियमित अभ्यास से आंखों में लगा चश्मा भी उतर सकता है, बशर्ते आप सही तरीके से यह योगासन नियमित करें। 

क्या होता है त्राटक
त्राटक शब्द त्रा और टक अक्षरों से मिलकर बना है, जिसका सामान्य अर्थ होता है- किसी विशेष दृश्य या चीज को लगातार टकटकी लगाकर देखना। मन की चंचलता को शांत करने के लिए अकसर साधक इस ध्यान का अभ्यास करते हैं। अगर आपकी आंखों से लगातार धुंधला दिखता है या कुछ-कुछ समय के बाद धुंधला दिखने लगता है, रह-रह कर आंखों में चिपचिपापन महसूस होने लगता है और फिर धुंधला दिखने लगता है तो ऐसी सभी स्थितियों के लिए त्राटक आसन या व्यायाम बहुत फायदेमंद है।

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त्राटक योग के फायदे
त्राटक योग करने के कई फायदे हैं। इससे मन की स्थिरता और शांति में इजाफा होता है। ध्यान कौशल में वृद्धि होती है और मन शुद्ध रहता है। आंखों की रोशनी साफ और चमकदार होती है। यही नहीं नियमित किए गए इस आसन से रोशनी के इतर भी आंखों की कई समस्याएं दूर होती हैं। मसलन, अगर दिमाग की नसें बंद होती हैं तो वे खुल जाती हैं। हालांकि त्राटक योग मुख्यतः आंखों का व्यायाम है, जिससे आंखों की मसल्स बेहतर होती हैं। लेकिन इससे और भी कई फायदे होते हैं जैसे बेहतर नींद आती है। सिरदर्द और अनिद्रा की समस्या दूर होती है। बुरे सपने आने बंद हो जाते हैं। बेचैन मन शांत रहता है। इच्छाशक्ति को भी बढ़ाता है, धैर्य को मजबूत करता है। इसलिए त्राटक योग बहुत लाभकारी होता है।

त्राटक योग करने की विधि
सबसे पहले घर में एक साफ-सुथरी जगह चुनें जहां बहुत रोशनी ना हो, लेकिन वहां पूरी तरह से अंधेरा भी ना हो। अगर यह जगह एक खाली कमरे के रूप में हो तो बहुत अच्छा। अब अपने योगा मैट को बिछा लें और इस पर कमर सीधी करके बिल्कुल ध्यान मुद्रा में बैठें। अपने से पांच हाथ दूर एक जलती हुई मोमबत्ती या दीपक रखें। पहले कुछ देर अपनी आंखें ध्यान मुद्रा में बंद करें और फिर उन्हें धीरे-धीरे खोलते हुए निगाहें जलती हुई मोमबत्ती या दीये की लौ पर लगाएं।

शुरू में निगाहें इधर-उधर भागेंगी, स्थिर होने में परेशानी होगी, लेकिन अगर लगातार निगाहों को स्थिर रखने की कोशिश करेंगे तो हो जाएंगी और फिर अपनी निगाहों से लगातार रोशनी की लौ को घूरते हुए धीरे-धीरे बिना लौ से अपनी निगाह को हटाए, उसकी तरफ आगे बढ़ें और करीब एक फीट तक निगाहों में पूरी तरह से लौ को केंद्रित करते हुए आगे की तरफ जाएं और फिर वैसे ही पीछे आएं। जब आंखें थकने लगें या पलकें झुकने लगें तो आंखें बंद कर लें। बंद करने से आंखों को आराम मिलेगा।

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5 से 7 मिनट तक करें ध्यान
कुछ देर तक उस आराम का एहसास करें और फिर जैसे लगे कि सामान्य हो गए हैं तो फिर आंखें खोलें और वही प्रक्रिया दोहराएं, जो पहले की थी। यानी रोशनी पर निगाहों को जमाते हुए कई मिनटों तक उसे घूरें और फिर उसी सीध में बिना रोशनी के इधर-उधर खिसके एक फीट तक आगे जाएं और फिर पीछे लौटें। शुरू में 5 से 7 मिनट तक का यह ध्यान आसन कम से कम तीन बार करें यानी, 15 से 20 मिनट तक इस प्रक्रिया को दोहराएं।

जब आसानी से आंखें कंसंट्रेट करने लगें तो फिर ध्यान लगाने की इस मुद्रा को 5-7 मिनट की बजाय 10 मिनट तक ले जाएं। इस तरह कुल आधे घंटे तक अधिकतम इस आसन को करें। अगर आंखों में धुंधलेपन की समस्या काफी दिनों से है तो सुबह शाम दोनों ही समय कम से कम तीन महीने इस आसन को जरूर करें, आपको निश्चित लाभ होगा।

इन बातों का ध्यान रखें

  • त्राटक योग करते समय इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। जैसे-त्राटक योग हमेशा खाली पेट करें। सबसे उपयुक्त समय सुबह 4 बजे से 6 बजे के बीच होता है।
  • जब दिन में दो बार त्राटक योगासन करें तो दूसरी बार रात में सोने के ठीक पहले त्राटक योग का अभ्यास करें। 
  • त्राटक योग करने के बाद सोने में आंखों की मसल्स की अच्छी तरह से टूट-फूट की भरपाई हो जाती है यानी जो भी टूट-फूट होती है, उसकी अच्छे से मरम्मत हो जाती है। 
  • शुरुआत में प्रतिदिन 10-10 या 15-15 मिनट इसे सुबह शाम करें। मगर यदि ग्लूकोमा जैसी बीमारी से पीड़ित हों तो भूलकर भी त्राटक योग ना करें।
  • इसके अलावा अगर सीजोफ्रेनिया जैसी मानसिक समस्याओं का शिकार हैं तो ऐसी स्थिति में भी त्राटक योग करने से बचें।

(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ, डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)