Yogasana For Lungs: शरीर को हेल्दी और स्ट्रॉन्ग बनाए रखने के लिए फेफड़ों का मजबूत होना बेहद जरूरी होता है। गलत लाइफस्टाइल और पॉल्यूशन के चलते आजकल फेफड़ों से संबंधित कई बीमारियां सामने आने लगी हैं। कम उम्र में ही लोग लंग्स से जुड़ी डिजीज का शिकार होने लगे हैं। फेफड़ों को मजबूत बनाने के लिए कई लोग जिम, रनिंग के साथ ही मेडिसिन का सहारा भी लेते हैं। हालांकि, योगासन फेफड़ों को फौलाद सी मजबूती देने का एक आसान तरीका है। सदियों से हमारे देश में योगासन के जरिये बीमारियों को ठीक किया जाता रहा है।
फेफड़ों को मजबूती देने वाले कुछ योगासनों को अगर सही तरीके से किया जाए तो कम वक्त में ही लंग्स को स्ट्रॉन्ग बनाया जा सकता है। सही योगाभ्यास के लिए ट्रेनर की आवश्यकता होती है, बिना किसी ट्रेनिंग के योगाभ्यास नुकसान भी पहुंचा सकता है। आइए जानते हैं वे योगासन जिनसे फेफड़ों को मजबूती प्रदान की जा सकती है।
फेफड़ों को मजबूती देंगे ये योगासन
उष्ट्रासन - लंग्स को स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए उष्ट्रान का रोजाना अभ्यास करना चाहिए। इस आसन को करने से डाइजेशन भी बेहतर होता है। यह आंतों को फैलाता है और इससे रीढ़ की हड्डी को भी मजबूती मिलती है। किडनी, लिवर के लिए भी उष्ट्रासन काफी फायदेमंद होता है। इस आसान का अभ्यास आधा से एक मिनट तक करना चाहिए।
गोमुखासन - उष्ट्रासन की तरह ही गोमुखासन भी फेफड़ों को मजबूती देने में मदद मिलती है। साइटिका की बीमारी में भी गोमुखासन फायदेमंद होता है। शरीर के पॉश्चर को बेहतर बनाने के साथ ही पीठ की मसल्स भी इस आसान से मजबूत होती हैं।
वक्रासन - फेफड़ों को मजबूती देने के साथ ही पेट की चर्बी कम करने में भी वक्रासन का अभ्यास लाभकारी होता है। ये आसन किडनी और लिवर को हेल्दी रखने में भी मदद करता है।
भुजंगासन - फेफड़ों को ताकत देने के लिए भुजंगासन का भी सहारा लिया जा सकता है। इस आसन को करने से लिवर की कमजोरी की समस्या भी दूर होती है। आपका वजन अगर बढ़ा हुआ है तो नियमित भुजंगासन करने से फैट घटाने में भी मदद मिलती है।
मर्कटासन - अन्य आसनों की तरह मर्कटासन भी फेफड़ों को मजबूती देने का काम करता है। इससे रीढ़ की हड्डी में लचीलापन लाने में भी मदद मिलती है। जोड़ों के दर्द से राहत के लिए भी मर्कटासन को किया जा सकता है।
(डिस्क्लेमर - ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें। संबंधित विशेषज्ञ की सलाह के बाद ही उपाय करें।)