बस्तर की आईएएस ने थामा आईपीएस का हाथ

बस्तर की आईएएस ने थामा आईपीएस का हाथ
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बस्तर जैसे नक्सल इलाके की रहने वाली आईएएस नम्रता जैन ने आईपीएस निखिल अशोक कुमार रखेजा के साथ ब्याह कर लिया। कलेक्टाेरेट में सादगी के साथ दोनों युवा अफसर परिणय सूत्र में बंध गए। इस दौरान साथी अफसर, परिजन मौजूद थे। नम्रता वर्तमान में एसडीएम सरायपाली हैं। द ूल्हा बने आईपीएस निखिल पुलिस अकादमी में प्रशिक्षणरत हैं। 2019 बैच के दोनों अफसर शुक्रवार को कलेक्टोरेट सभा कक्ष में परिजनों और जिले के आला अफसरों की मौजूदगी में सादगी पूर्ण तरीके से परिणय सूत्र में बंधे।

महासमुंद. बस्तर जैसे नक्सल इलाके की रहने वाली आईएएस नम्रता जैन ने आईपीएस निखिल अशोक कुमार रखेजा के साथ ब्याह कर लिया। कलेक्टाेरेट में सादगी के साथ दोनों युवा अफसर परिणय सूत्र में बंध गए। इस दौरान साथी अफसर, परिजन मौजूद थे। नम्रता वर्तमान में एसडीएम सरायपाली हैं। द ूल्हा बने आईपीएस निखिल पुलिस अकादमी में प्रशिक्षणरत हैं। 2019 बैच के दोनों अफसर शुक्रवार को कलेक्टोरेट सभा कक्ष में परिजनों और जिले के आला अफसरों की मौजूदगी में सादगी पूर्ण तरीके से परिणय सूत्र में बंधे।

कोविड नियमों का पालन करते हुए प्रभारी अपर कलेक्टर सुनील कुमार चंद्रवंशी ने दोनों की शादी की कार्रवाई की प्रक्रिया पूरी की। इस मौक़े पर कलेक्टर डोमन सिंह, पुलिस अधीक्षक दिव्यांग पटेल और जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आकाश छिकारा भी मौजूद रहे। विवाहोपरांत सभी अधिकारियों ने नव वर-वधु को आशीर्वाद प्रदान करते हुए उनके सुखी दाम्पत्य जीवन की कामना की।

ट्रेनी असिस्टेंट कलेक्टर रह चुकी हैं नम्रता

नम्रता जैन की शुरुआती शिक्षा बस्तर, दंतेवाड़ा में ही हुई। इसके बाद वे भिलाई में आगे की पढाई की। नम्रता की माता किरन जैन गृहणी हैं, जबकि पिता झनवरलाल जैन पेशे से व्यापारी हैं। नम्रता जैन को महासमुंद में पोस्टिंग मिली और वे वर्तमान में सरायपाली एसडीएम की जिम्मेदारी संभाल रही है। इससे पहले वह रायपुर में ट्रेनी असिस्टेंट कलेक्टर रह चुकी हैं।

नम्रता का आईएएस बनने का सफरनामा

नम्रता पहली बार 2015 में यूपीएससी की परीक्षा दी, लेकिन वह पास नहीं हो पाईं। इसके बाद साल 2016 के एग्जाम में 99वां रैंक लाने के बावजूद भी वह आईएएस नहीं बन पाईं। वह मप्र कैडर की आईपीएस बनीं। नम्रता का लक्ष्य आईएएस बनने का था, इसलिए वे पुलिस एकेडमी में ट्रेनिंग के दौरान भी यूपीएससी की तैयारी करती रहीं। साल 2018 में उन्होंने एक बार फिर भाग्य आजमाया। इस बार उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने ऑल इंडिया में 12वां रैंक हासिल किया और आईएएस बनने का सपना पूरा किया।

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