Metro में साड़ी फंसने से महिला की मौत के मामले में 15 लाख मुआवजे का ऐलान, DMRC दोनों बच्चों की पढ़ाई का भी खर्चा उठाएगी

Metro में साड़ी फंसने से महिला की मौत के मामले में 15 लाख मुआवजे का ऐलान, DMRC दोनों बच्चों की पढ़ाई का भी खर्चा उठाएगी
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Delhi News: इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन पर महिला की मौत मामले में DMRC ने बड़ा ऐलान किया है। दरअसल दिल्ली मेट्रो ने पीड़ित परिजनों को मुआवजा देने का ऐलान किया है। साथ ही बच्चों की पढ़ाई का भी खर्च उठाने की भी बात कही है।

Delhi News: दिल्ली के इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन पर ट्रेन के दरवाजे में साड़ी फंसने से एक महिला की मौत के मामले डीएमआरसी ने अब मुआवजा देने का ऐलान कर दिया है। दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) महिला यात्री के परिजनों को 15 लाख रुपये का मुआवजा देगा। मेट्रो रेलवे (दावे की प्रक्रिया) नियम, 2017 के मुताबिक, मृतक के परिजनों को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा मृतक के बच्चों को मानवीय सहायता के रूप में 10 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि दी जाएगी।

डीएमआरसी बच्चों की पढ़ाई का भी रखेगी ख्याल

साथ ही आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने यह भी निर्देश दिया है कि बच्चों की देखभाल और शिक्षा दिल्ली मेट्रो प्रबंधन द्वारा सुनिश्चित की जाए। इस खबर की जानकारी DMRC ने दी है। मृतक के दोनों बच्चे नाबालिग हैं। इसलिए डीएमआरसी वर्तमान में कानूनी उत्तराधिकारी को राशि सौंपने के कानूनी तौर-तरीकों को सुलझाने में लगा हुआ है। इसके अलावा डीएमआरसी दोनों बच्चों की पढ़ाई का भी ख्याल रखेगी। डीएमआरसी ने आगे कहा कि सभी आवश्यकताओं को शीघ्रता से पूरा करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम को तैनात किया गया है।

14 दिसंबर को हुई थी घटना

बता दें यह पूरा वाकया 14 दिसंबर को दोपहर एक बजे के करीब हुआ था। दरअसल एक महिला की साड़ी मेट्रो के गेट में फंस गई। इसी दौरान ट्रेन आगे चल पड़ी। इससे महिला काफी दूर तक प्लेटफार्म पर घिसटती रही। जब महिला प्लेटफॉर्म के अंतिम छोर पर पहुंची तो लोहे की जाली से टकराकर ट्रैक पर गिर गई। इससे महिला के सिर में गंभीर चोट आई। इसके बाद उसे सफदरजंग अस्पताल (Safdarjung Hospital) में भर्ती कराया गया, जहां शनिवार को उसकी मौत हो गई थी।

नांगलोई में किराए के मकान में रहती थी महिला

पीड़ित परिवार के मुताबिक, महिला का नाम रीना (35) था। वो अपने दो बच्चों के साथ नांगलोई में किराए के मकान में रहती थी। रीना के पति की साल 2014 में बीमारी के कारण मौत हो गई थी। तभी से रीना दिन में घरों में साफ-सफाई का काम करती थी। शाम को सब्जी की रेहड़ी लगाती थी। उसके पति भी सब्जी बेचने का काम करते थे। पति की मौत के बाद से वो अकेले पूरे घर का खर्च चलाती थी। महिला की मौत के बाद दोनों बच्चों का अब कोई ख्याल रखने वाला नहीं है। महिला के दो बच्चे हैं। बेटा छठी और बेटी आठवीं क्लास में पढ़ती है। पीड़ित परिवार सरकार और दिल्ली मेट्रो से दोनों अनाथ बच्चों के लिए आर्थिक सहायता की गुहार लगा रहा था। हालांकि अब मेट्रो में पीड़ित परिजनों को मुआवजे की राशि देने का एलान कर दी है।

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