Faridabad : एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम और अधिवक्ताओं की आपस में हुई झड़प

Faridabad : एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम और अधिवक्ताओं की आपस में हुई झड़प
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अदालत परिसर में रिश्वत लेने के आरोप में पकडे़ गए न्यायाधीश के रीडर व अहलमद को पेशी पर लेकर पहुंची एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम व अधिवक्ताओं की आपस में झड़प हो गई। दोनों की तरफ से पुलिस में शिकायत दी गई, लेकिन दोनों में से किसी की शिकायत पर केस दर्ज नहीं हुआ। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

फरीदाबाद। अदालत परिसर में रिश्वत लेने के आरोप में पकडे़ गए न्यायाधीश के रीडर व अहलमद को एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने मंगलवार को अदालत में पेश किया। इस दौरान एसीबी टीम और अधिवक्ताओं की आपस में झड़प हो गई। मामला इतना बढ़ गया कि बार एसोसिएशन के पदाधिकारी कई घंटे तक सेंट्रल थाने में एसीबी टीम के खिलाफ केस दर्ज कराने की मांग पर अडे़ रहे। इधर एसीबी की टीम को तुरंत मेडिकल के लिए भेजा गया। देर शाम तक पुलिस ने दोनों पक्षों में से किसी की भी शिकायत पर केस दर्ज नहीं किया। अभी मामले की जांच की जा रही है।

एसीबी टीम से इंस्पेक्टर श्योरण लाल और राजकुमार की अगुआई में न्यायाधीश के रीडर हंसराज और अहलमद सुमित कुमार को सीजेएम तैयब हुसैन की अदालत में पेश किया जा रहा था। यहां आरोपियों की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता राजेश बैंसला व अन्य ने अपना वकालत नामा पेश किया। अधिवक्ताओं का आरोप है कि एसीबी की टीम ने वकालत नामा फाड़ दिया। इस बात को लेकर दोनों पक्ष आपस में भिड़ गए। आनन-फानन में दोनों तरफ के लोगों को मौके पर मौजूद पुलिस ने छुड़ाया। इधर एसीबी की टीम का आरोप है कि अधिवक्ताओं ने उनके साथ मारपीट की है। अदालत ने आरोपियों के अनुरोध पर पुलिस को आदेश दिए कि आरोपियों का दोबारा से मेडिकल कराया जाए। एक टीम ने आरोपी रीडर व अहलमद का मेडिकल कराया, दूसरी ने एसीबी टीम से दो इंस्पेक्टर व दो अन्य स्टाफ का मेडिकल कराया। दोनों पक्षों के आरोपों की जांच की जा रही है।

कई घंटे चलता रहा हाईवोल्टेज ड्रामा

झड़प की बात पूरे अदालत परिसर में आग की तरफ फैल गई। करीब दो बजे आरोपियों को पेश किया जाना था। इसका पता लगते ही अधिवक्ताओं की भीड़ अदालत परिसर में आ गई। जैसे ही झड़प की बात का पता लगा, सभी अधिवक्ता अपने चैंबर व सीट छोड़कर अदालत की तरफ दौड़ पड़े। एसीपी सेंट्रल सतपाल व सेंट्रल थाना प्रभारी इंस्पेक्टर दलीप कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पंहुचे और आरोपियों व एसीबी की टीम को सुरक्षित स्थान पर बैठाया। मामला ज्यादा ना बढ़ने पाए, इसके लिए पुलिस की आरएएफ की टीम भी मौके पर बुला ली गई। जिला एवं सत्र न्यायाधीश वाईएस राठौर के पास बार एसोसिएशन के पदाधिकारी अपनी शिकायत लेकर पहुंचे।

इधर एसीपी व सेंट्रल थाना प्रभारी ने अदालत को बताया कि स्थिति काबू में है। बार एसोसिएशन के प्रधान राजेश बैंसला, पूर्व प्रधान ओपी शर्मा, एलएन पाराशर व अन्य की अगुवाई में अधिवक्ता सेंट्रल थाना पहुंचे और एसीबी की टीम पर वकालतनामा फाड़ने व सोने की चेन लूटने के आरोप लगाकर शिकायत दी, लेकिन पुलिस ने पहले मामले की जांच करने की बात कही। इस पर बार के पदाधिकारियों ने पुलिस के खिलाफ थाने में ही नारेबाजी करनी शुरू कर दी। एसीपी सेंट्रल सतपाल यादव ने बताया अदालत के आदेश पर आरोपी रीडर व अहलमद का दोबारा से मेडिकल कराकर नीमका जेल भेज दिया है। एसीबी की टीम का मेडिकल कराया जा रहा है। दोनों पक्षों में से अभी किसी के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया गया, तथ्यों की जांच की जा रही है।

क्या था पूरा मामला

एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने सोमवार को जिला अदालत में रेड कर न्यायाधीश के रीडर व अहलमद को पांच हजार की रश्वित लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। नायब कोर्ट एसआई रेड से कुछ मिनट पहले ही कोर्ट रूम से बाहर निकल गया था। उसके खिलाफ केस दर्ज किया गया। अधिवक्ता रिषी पाल शर्मा व विक्रांत गौड ने एंटी करप्शन ब्यूरो को शिकायत दी कि अदालत परिसर में ट्रैफिक चालान का काम जल्दी कराने व भुगतान राशि कम करने की एवज में रिश्वत मांगी जाती है। शिकायत के साथ ही उनके पास एक रिकॉर्डिंग भी थी जिसमें पैसों की मांग की जा रही थी। एसीबी की टीम ने सहायक लेबर कमिश्नर सुशील कुमार व सहायक निदेशक इडस्ट्री एंड हेल्थ को ड्यूटी मेजिस्ट्रेट नियुक्त कर इंस्पेक्टर राजकुमार की टीम ने रीडर हंसराज व अहलमद सुमित कुमार को दो अलग-अलग मामलों में दो व तीन हजार रुपए रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था।




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