Health Tips: बचपन से लेकर बड़ी उम्र और ओल्ड एज तक में उम्र, जेंडर और एक्टिविटी के हिसाब से सभी को न्यूट्रिशस डाइट की जरूरत होती है। ऐसा ना होने पर फैमिली मेंबर्स बीमार हो सकते हैं। इससे बचने के लिए डाइट पर ध्यान देना जरूरी हैं।

चिल्ड्रेन-टीनएज मेंबर्स: पोषक तत्वों से भरपूर भोजन से ही हमारे कई जेनेटिक पैटर्न, शरीर और दिमाग विकसित हो पाता है। इसलिए बचपन से ही बच्चों को हाई-प्रोटीन डाइट के साथ कैल्शियम और आयरन रिच फूड्स देने चाहिए। इसके अलावा विभिन्न प्रकार के विटामिन वाले फूड्स भी बहुत जरूरी होते हैं। विभिन्न विटामिंस की कमी से कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं। जबकि कार्बोहाइड्रेट और फैट रिच डाइट ज्यादा लेने से आगे चलकर ओबेसिटी, हाइपरटेंशन, डायबिटीज, पीसीओडी, कार्डियोवैस्कुलर जैसी बीमारियां होने का खतरा रहता है।

टीनएज के दौरान शरीर का विकास तेजी से होता है, इसके लिए प्रोटीन, विटामिन और कैल्शियम रिच डाइट लेनी जरूरी है। इस एज में मेटाबॉलिक रेट सबसे हाई होता है, जिससे भोजन आसानी से पच जाता है, जो शरीर को एनर्जी प्रदान करता है। इस स्टेज में हड्डियों की मजबूती के लिए कैल्शियमरिच डाइट जैसे-दूध, मिल्क प्रोडक्ट्स, सोया, हरी पत्तेदार सब्जियां ज्यादा लेनी चाहिए। चाय, कॉफी जैसे कैफीनयुक्त पदार्थों का सेवन अवॉयड करना चाहिए। टीनएजर्स की डाइट में विटामिनयुक्त खाद्य पदार्थों को ज्यादा से ज्यादा शामिल करना चाहिए।
 
यंग-मिड एज मेंबर्स: यंग और मिड एज के फैमिली मेंबर्स को न्यूट्रिएंट्स से भरपूर संतुलित आहार लेना जरूरी है। इम्यूनिटी मजबूत बनाने के लिए प्रोटीन, विटामिन और मिनरल्स युक्त खाद्य पदार्थों को ज्यादा से ज्यादा शामिल करना चाहिए। इस एज की महिलाओं को भरपूर मात्रा में हरी सब्जियों और साग का सेवन करना चाहिए ताकि डिलीवरी के समय दिक्कत ना हो। डायबिटीज और ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों से बचाव के लिए इस एज ग्रुप के मेंबर्स को नमक और चीनी का सेवन सीमित मात्रा में करना बेहतर है। इस उम्र के लोगों पर वर्क प्रेशर बहुत होता है, दिनचर्या अस्त-व्यस्त होने की वजह से डाइट का ध्यान रखना मुश्किल हो जाता है। लेकिन लापरवाही करना सही नहीं है। 

इस एज के लोगों को एनर्जी प्राप्त करने के लिए फाइबर और स्टार्चयुक्त खाद्य पदार्थों समेत केला, आलू, मशरूम जैसी पोटेशियम रिच डाइट लेना फायदेमंद है। तनाव को दूर करने और आयरन के अवशोषण में मददगार विटामिन-सी युक्त खाद्य पदार्थ जरूर लेने चाहिए। अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड के बजाय होममेड फूड खाना चाहिए। बेकरी आइटम, पैक्ड फूड, प्रिजर्वेटिव फूड, चॉकलेट, कैंडी जैसी शुगर रिच डाइट को अवॉयड करना चाहिए। इसके अलावा सलाद और सब्जियों मे हेल्दी ऑलिव ऑयल ले सकते हैं, जिससे कोलेस्ट्रॉल का लेवल कंट्रोल करने में मदद मिलती है। बोन डेंसिटी बढ़ाने के लिए कैल्शियम, विटामिन बी, डी और विटामिन के रिच डाइट लेना चाहिए।

50 प्लस मेंबर्स: इस एज ग्रुप के लोगों में मेटाबॉलिज्म रेट बहुत धीमा होने लगता है, जिससे बॉडी में रिलीज होने वाले एंजाइम्स और हार्मोंस कम होने लगते हैं। अल्जाइमर का रिस्क बढ़ जाता है। इस एज के फैमिली मेंबर्स की डाइट में प्रोटीन, विटामिन, मिनरल से भरपूर फल-सब्जियां और अनाज जरूर होने चाहिए। महिलाओं में मेनोपॉज के बाद मांसपेशियों में सालाना आधे से एक फीसदी की दर से गिरावट को देखते हुए हाई प्रोटीन और हाई फाइबर वाली डाइट का सेवन जरूरी है। इस एज में पाचन तंत्र और रोग प्रतिरोधक क्षमता वीक होने लगती है। 

इसलिए तला, भुना, मिर्च, मसालों वाला हैवी फूड खाने से परहेज करना चाहिए। ओमेगा-3 फैटी एसिड का सेवन करना चाहिए। इसके नियमित सेवन से ब्लड में फैट लेवल  नियंत्रित होता है, जिससे हृदय रोगों का जोखिम 50 प्रतिशत कम रहता है। आर्थराइटिस से शरीर में सूजन पैदा करने वाले तत्वों का प्रभाव कम होता है। इससे जोड़ों में दर्द, पीठ दर्द, आर्थराइटिस, जकड़न में आराम मिलता है। इस तरह डाइट का ध्यान रखा जाए तो सभी फैमिली मेंबर्स हेल्दी और फिट रहेंगे। 

डाइट सजेशन- डॉ. चेतना बंसल
न्यूट्रिशनिस्ट, दिल्ली 

प्रस्तुति:रजनी अरोड़ा