Holi 2024: होली की मौज-मस्ती में कई बार लोग यह नजरअंदाज कर देते हैं कि खराब रंगों के कारण और मौसम में होने वाले बदलाव के चलते उन्हें कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कई लोगों को तो रंगों से इस प्रकार की एलर्जी होती है कि थोड़ा सा भी रंग लग जाने के कारण उन्हें कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं। इसके साथ ही होली के दौरान बनने वाली मिठाइयों और तरह-तरह के खाद्य पदार्थों के अधिक सेवन से भी विभिन्न प्रकार की पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में आपको त्योहार मनाने के साथ-साथ कुछ सावधानियों पर भी ध्यान देने की जरूरत है।

इंफेक्शन से करें बचाव
नारायणा हॉस्पिटल, गुरुग्राम में सीनियर कंसल्टेंट-इंटरनल मेडिसिन, डॉक्टर पंकज वर्मा इंफेक्शन से बचाव के लिए सलाह देते हैं, ‘होली खेलते समय स्किन, आइज, लंग्स, जुकाम या एलर्जी हो सकती है। इनसे बचने के लिए विशेष ध्यान रखना चाहिए। अगर आप कांटेक्ट लेंस का प्रयोग करते हैं तो इसे निकाल कर ही होली खेलें। साथ ही अगर आंखों में कलर चला जाए तो उसे तुरंत साफ पानी से धोएं और अगर जलन महसूस हो तो गुलाब जल का प्रयोग करें। कोशिश करें कि पूरे आस्तीन के कपड़े पहन कर ही होली खेलें, इससे आपके शरीर का बचाव होगा। नाखूनों को बड़ा ना रखें क्योंकि अगर नाखूनों में कलर जम जाएगा तो इससे भी आपको नुकसान हो सकता है। होली खेलते वक्त बालों का विशेष ध्यान दें, इसके लिए या तो आप कैप का प्रयोग करें या फिर तेल लगाकर रखें, जिससे कलर और पानी का प्रभाव आपके बालों पर कम पड़े। इसी तरह बालों के साथ-साथ पूरे शरीर पर सरसों के तेल की मालिश कर लें, इससे रंगों का प्रभाव आपके शरीर पर कम पड़ेगा। 

खान-पान में बरतें सावधानी
होली पर खान-पान संबंधी सावधानियों के बारे में डॉक्टर गौरव जैन, सीनियर कंसल्टेंट-इंटरनल मेडिसिन, धर्मशिला नारायणा सुपरस्पेशिएलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली कहते हैं, ‘होली का समय आते ही सभी घरों में गुझिया, मिठाइयां और तरह-तरह के पकवान बनना शुरू हो जाते हैं। ऐसे में इनके अधिक सेवन से आपको कई तरह की पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। खासकर डायबिटीज मरीजों के लिए अधिक मीठे, मसालेदार और ऑयली फूड्स का सेवन ब्लड शुगर को काफी तेजी से बढ़ा देता है। ऐसे में डायबिटीज के मरीज गुझिया में चीनी की जगह गुड़ और ड्राई फ्रूट्स का या शुगर फ्री गुझिया का सीमित मात्रा में सेवन कर सकते हैं। इसी के साथ आपको कार्बोनेटेड ड्रिंक्स और एल्कोहल के सेवन से भी बचना चाहिए, क्योंकि यह भी आपके ब्लड शुगर को बढ़ा देते हैं। इसी तरह होली के दिन हार्ट पेशेंट नशीले पदार्थों जैसे भांग आदि से दूरी बनाकर रखें क्योंकि नशीले पदार्थ के सेवन से दिल की धड़कनें तेज हो सकती हैं और आपको हाई ब्लड प्रेशर और कार्डियक अरेस्ट जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इस समय पर दिल के रोगियों को अपने कोलेस्ट्रॉल लेवल का भी ध्यान रखना चाहिए और ऐसे खाद्य पदार्थों का ही सेवन करना चाहिए, जिनमें ट्रांस फैट या घी और तेल की मात्रा बहुत कम हो। प्रस्तुति:सेहत फीचर्स

रंगों से करें आंखों का बचाव
होली की मस्ती में यदि कुछ बातों का घ्यान रखा जाए तो रंगों के पर्व को बहुत ही खुशनुमा बनाया जा सकता है। कई बार उत्साह में लोग अपनी आंखों की सुरक्षा को लेकर लापरवाही बरतते हैं, इससे हानिकारक रंग आंखों में जाकर उसे नुकसान पहुंचा सकता है। आंख हमारे शरीर का सबसे अहम और नाजुक हिस्सा होता है। यही कारण है कि इसका विशेष ध्यान रखना होता है। अकसर देखा जाता है कि रंग या पानी की तेज धार लोग चेहरे पर फेंकते हैं। ऐसे में गलती से भी ये तेज धार आंखों में चला जाए तो बहुत ही हानिकारक हो सकता है। पहले लोग फूलों से रंग से होली खेलते थे। लेकिन आजकल केमिकल रंगों का ही इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है। यही वजह है कि जब आंखों में ऐसा रंग चला जाता है, तब जलन होने लगती है और आंखें लाल हो जाती हैं। उस स्थिति में कभी भी आंखों को रगड़ना नहीं चाहिए, बल्कि साफ पानी से तुरंत धोना चाहिए। दरअसल, केमिकल वाले रंग आंखों में जाने से जख्म हो सकता है। इससे बचाव के लिए यह अति आवश्यक है कि रंग खेलते समय कभी भी केमिकल वाले रंग का प्रयोग ना करें और जब भी रंग खेलें तो अपनी आंखों पर सन ग्लास लगाना ना भूलें। इससे आपकी आंखें सुरक्षित रहेंगी और रंग या पानी की तेज धार से भी बचाव हो जाएगा। 

बरतें ये सावधानियां
जब भी रंग खेलें तो सन ग्लासेस लगाना ना भूलें। इससे आंखों की हिफाजत होती है। केमिकल के बजाय हमेशा हर्बल रंगों का ही उपयोग करें। डाक्टर से सलाह लेकर ही आंखों में कोई दवाई ड़ालें। 
ऐसा ना करें:अगर आपकी आंखों में रंग चला जाता है तो उसे कभी भी ना रगड़ें। ऐसा करने से आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। रंग खेलते समय कभी भी कॉन्टेक्ट लेंस का प्रयोग ना करें। जोर-जबर्दस्ती के साथ चेहरे पर रंग न लगाएं। इससे रंग आंखों में जा सकता है। आंखों में जलन हो रही है या आंखें लाल हो गई है तो डॉक्टर को दिखाने में देर न करें। रंगों या पानी से भरा हुआ गुब्बारा या पानी की तेज धार किसी की आंखों पर न फेंकें। यदि आप इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखते हैं तो वाकई आपकी होली बहुत ही बेहतर होगी। 

डॉ. टी. एस. चौधरी
आई स्पेशलिस्ट, दिल्ली               
प्रस्तुति: संध्या रानी

रंगों से त्वचा रहे सुरक्षित
होली पर रंग जरूर खेलें लेकिन ध्यान रहे कि केमिकल युक्त रंग त्वचा के लिए नुकसानदेह होते हैं। इसलिए होली खेलते समय स्किन का ध्यान रखें।

क्या है नुकसान
होली के रंगों और गुलाल-अबीर में आमतौर अधिक मात्रा में लेड यानी सीसे और अभ्रक की मिलावट होती है। इससे त्वचा के छिलने और रैशेज का खतरा बढ़ जाता है। लाल रंग में नेफ्रोटॉक्सिक तत्व पाए जाते हैं, जो किडनी के लिए नुकसानदेह होते हैं। हरे रंग से कॉन्टेक्ट डर्मेटोसाइटिस नामक बीमारी हो सकती है। हरे रंग से निमोनिया का भी खतरा रहता है। काले रंग से स्किन कैंसर हो सकता है।

रखें ध्यान
होली खेलने के बाद त्वचा पर किसी तरह के रैशेज दिखाई दें, तो प्रभावित स्थान को ठंडे पानी से धोने के बाद वहां मॉयश्चराइजर लगाकर छोड़ दें और डॉक्टर से संपर्क करें। बेहतर है कि होली खेलने से पहले फुल स्लीव्स की ड्रेसेस और सन ग्लासेस पहनें, चेहरे और गर्दन पर मायश्चराइजर और बालों में नारियल तेल लगाएं। इससे बालों और स्किन पर एक प्रोटेक्टिव लेयर तैयार हो जाती है, जो रंगों को स्किन पोर्स और बालों के क्यूटिकल में जमा होने से रोकती है। 50 एसपीएफ का सन स्क्रीन लोशन लगाएं, इससे स्किन को पोषण मिलेगा और वह डैमेज से सुरक्षित रहेगी। अपने होठों को सुरक्षित रखने के लिए पेट्रोलियम जैली या लिप बाम लगाएं। होली के रंगों को अच्छी क्वॉलिटी के फेसवॉश या माइल्ड सोप की मदद से हल्के हाथों से साफ करें। रंग को हटाने के लिए त्वचा को रगड़ कर साफ न करें। अन्यथा जल्दबाजी में त्वचा छिल सकती है। रंग छुड़ाने से पहले ठंडे पानी से त्वचा को धो लें, उसके बाद झाग वाले फेसवॉश से हल्के हाथों से धोते हुए त्वचा को साफ करने की कोशिश करें। फिर कॉटन बॉल को नारियल तेल में डुबोकर उससे चेहरे को पोछें और दोबारा फोमिंग फेसवॉश से चेहरे को साफ करें, इससे रंग आसानी से निकल जाएगा।

रंग साफ होने बाद स्किन केयर
रंग साफ होने के बाद भी त्वचा का विशेष खयाल रखें। रोजाना दो बार मॉयश्चराइजर लगाएं, हल्के हाथों से चेहरे की मसाज करें, जब तक स्किन की इरिटेशन कम न हो, तब तक रोज स्किन की हीलिंग के लिए मॉयश्चराइजर लगाते रहें। होली के तीन-चार दिनों बाद तक फेशियल या ब्लीचिंग न करवाएं। सबसे जरूरी बात होली खेलने के लिए हमेशा प्राकृतिक तत्वों से बने हर्बल रंगों और गुलाल का इस्तेमाल करें।  

डॉ. रमनजीत सिंह
एचओडी-डर्मेटोलॉजी 
मेदांता हॉस्पिटल, गुरुग्राम

प्रस्तुति:विनीता