Relationship Tips: रिश्तों में लोग कई तरह की कमियों को सहते हुए साथ चलते हैं। निभाने की कोशिश करते हैं। लेकिन कुछ बातें और आदतें ऐसी होती हैं, जो संबंधों को बिल्कुल नहीं टिकने देतीं। भाव से लेकर बर्ताव तक इन आदतों वाले लोगों का व्यक्तित्व ही कुछ ऐसा होता है कि साथ चलने या जीने वालों के लिए सब कुछ होकर भी मानो कुछ नहीं रहता। जरूरी है, इन आदतों से हर हाल में बचा जाए। यहां यह समझना-जानना जरूरी है कि किन आदतों से बचा जाए, जो रिश्ते बिगाड़ती हैं, जानिए-
झूठ बोलना
किसी भी रिश्ते में झूठ बोलना, विश्वास को डिगाने वाली बात होती है। यह नकारात्मक वृत्ति भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचाती है। झूठ बोलना अगर आदत में आ जाए तो वर्तमान ही नहीं, भविष्य के लिए भी नुकसानदेह है। भरोसा छीनने वाला यह व्यवहार किसी को भी ज्यादा समय तक साथ नहीं चलने देता। बिखरते भरोसे के रिश्ते में रहकर कोई भी अपने आपको आशंकाओं के घेरे में नहीं रखना चाहता। उसे लगने लगता है कि जिसके साथ हैं, उसके असली रूप से ही अनजान हैं। ऐसे में इस आदत को जितनी जल्दी हो छोड़ देना चाहिए। याद रखें, हर बार झूठ बोलना, एक नए झूठ की भूमिका बनाता है। इस दुश्चक्र में पड़ने के बजाय सच कहना और स्वीकारना संबंधों को सहेजने के लिए जरूरी है।
बुरी लत
किसी भी तरह की बुरी लत आपके लिए ही नहीं, आपके अपनों के लिए भी पीड़ा और परेशानी का सबब बनती है। एडिक्शन चाहे जैसा हो, फाइनेंशियल, सोशल और इमोशनल फ्रंट पर बिखराव ही लाता है। बुरी लत के चलते भरे-पूरे परिवार बिखर जाते हैं। रिश्ते टूट जाते हैं। अपने भी दूरियां बना लेते हैं। असल में किसी लत का शिकार इंसान अनचाही परिस्थितियों में ना केवल खुद उलझता है बल्कि अपने से जुड़े लोगों को उलझा देता है। ऐसे में दोस्त हों या परिजन दूरी बना ही लेते हैं। कोशिश होनी चाहिए कि बुरी लत के जाल में फंसने से पहले ही सजग हो जाएं। साथ ही अगर किसी व्यसन के शिकार हो गए हैं, तो उससे निकलने का प्रयास किया जाना चाहिए।
हिंसक बर्ताव
हिंसक व्यवहार भी लोगों को आपसे जुड़ने नहीं देता। एक समय के बाद अपने भी वॉयलेंस करने वाले लोगों के साथ नहीं रह पाते। तलाक के कारणों की फेहरिस्त में पार्टनर का हिंसक व्यवहार सबसे अहम कारण है। बच्चे, बड़े या बुजुर्ग, किसी के भी बर्ताव में वॉयलेंस जगह बना ले तो ऐसे टॉक्सिक जुड़ाव को कोई नहीं जीना चाहता। फिजिकल हिंसा करने वाले लोग आमतौर पर इमोशनल चोट भी खूब पहुंचाते हैं। ऐसे लोग अपराध तक कर बैठते हैं। मानवीय धरातल पर भी देखा जाए तो किसी एक इंसान को दूसरे इंसान के साथ हिंसा करने का कोई हक नहीं है। ऐसे में अगर बात-बात में वॉयलेंट होने की इस आदत ने घेर लिया है तो इससे बाहर आएं। अपने से जुड़े रिश्तों और अपने जीवन को सहेजने के लिए यह बेहद जरूरी है।
अपमानजनक व्यवहार
बात-बात में दूसरों का अपमान करने की आदत भी लोगों को आपसे दूर कर देती है। सहकर्मी हों या परिजन। दोस्त हों या आस-पड़ोस के लोग, अनुचित टीका-टिप्पणी और उपहास उड़ाने का बर्ताव सभी के लिए असहनीय होता है। यह आदत किसी भी रिश्ते को लंबे समय तक नहीं टिकने देती। समझना मुश्किल नहीं कि मान को ठेस पहुंचाने वाले, मौके-बेमौके नीचा दिखाने वाले इंसान के साथ कोई क्यों रहना चाहेगा? कभी धनी होने का अभिमान तो कभी रसूख का दिखावा। ऐसे लोग खुद को सबसे ऊपर समझने लगते हैं। अगर आप भी हर कहीं, हर किसी के सम्मान को चोट पहुंचाने लगी हैं तो संभल जाइए। बात-बात में दूसरों को कमतर महसूस करवाने की आदत भी संबंधों की नींव खोखली करती है। बहुत से लोग तो आपके ऐसे बिहेवियर को लेकर रिएक्ट किए बिना ही दूरी बना लेते हैं। ऐसे में जरूरी है कि रिश्तों को सहेजने के लिए अपने व्यवहार का मूल्यांकन करें, अपनी बुरी आदतों से जल्द से जल्द निजात पाएं।
डॉ. मोनिका शर्मा