CG Assembly Budget Session : सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस, लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक पर विपक्ष ने जताई आपत्ति 

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सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस
छत्तीसगढ़ विधानसभा में ध्यानाकर्षण के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जोरदार हंगामा हुआ। इस दौरान विपक्ष ने प्रभारी सिविल सर्जन की मनमानी का मामला उठाते हुए उसे बचाने का आरोप लगाया। 

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में ध्यानाकर्षण के दौरान सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस हो गई। इस दौरान विपक्ष ने जांजगीर के प्रभारी सिविल सर्जन की मनमानी का मामला उठाते हुए मंत्री पर सिविल सर्जन रिश्तेदार को बचाने का आरोप लगाया। वहीं लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक पर विपक्ष ने आपत्ति जताई है। साथ ही जोरदार हंगामे के बीच विपक्षी सदस्यों ने बहिर्गमन किया।

सिविल सर्जन के खिलाफ डॉक्टर, नर्स में आक्रोश है। स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा- सिविल सर्जन व्यवस्था सुधार रहे हैं, वहां के डॉक्टर अपना क्लीनिक और लैब चलाते है। नर्स काम नहीं कर रही थीं, उसे काम पर लगाया। इन सब पर हम कार्यवाही करेंगे, हम विस्तृत जांच करा रहे हैं। इन्होंने हड़ताल, रैली कर शासन की छवि धूमिल की।

विपक्ष ने जताई आपत्ति

लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक पेश होने पर विपक्ष के सदस्यों ने आपत्ति जताई। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा- यह केंद्र का विषय
इस विषय में कानून बनाने का अधिकार राज्य सरकार को नहीं। प्रतिपक्ष के बयान पर अजय चंद्राकर ने कहा- समवर्ती सूची पर केंद्र और राज्य को कानून बनाने का अधिकार है। सामाजिक, आर्थिक विषयों पर राज्य सरकार कानून बना सकती है।

सत्तापक्ष- विपक्ष के बीच हुई तीखी बहस

चरणदास महंत ने कहा- यह सामाजिक आर्थिक विषय कैसे हो गया। यह व्यक्तिगत लोगों को लाभ पहुंचाने का विषय है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा- समवर्ती सूची में सामाजिक आर्थिक विषयों पर कानून बनाने का अधिकार है। मध्यप्रदेश में पहले से इस पर कानून बना है। 2018 में मध्यप्रदेश में भी विधेयक पारित हुआ है। लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक पर सत्तापक्ष, विपक्ष के बीच तीखी बहस हुई।

विपक्ष ने किया बहिर्गमन

लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक का विपक्ष ने विरोध किया। जिसके बाद नेता प्रतिपक्ष ने सत्तापक्ष पर दादागिरी करने का आरोप लगाया। वहीं विधेयक के विरोध में विपक्ष के सदस्यों ने बहिर्गमन किया। ध्वनिमत से लोकतंत्र सम्मान विधेयक 2025 पारित हुआ। विधेयक पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा- काले अध्याय में लोकतंत्र बचाने वालों का सम्मान हुआ। आपातकाल का दंश पूरी पीढ़ी ने झेला है। अब लोकतंत्र की रक्षा करने वालों का सम्मान होगा।

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