Weight Gain Problem: कई लोग इस बात को लेकर परेशान रहते हैं कि सामान्य डाइट लेने, जंक फूड नहीं खाने और एक्टिव रहने के बावजूद भी उनका वेट क्यों बढ़ रहा है? इस बारे में यह जानना जरूरी है कि कुछ खास दवाओं का सेवन भी वजन बढ़ने का कारण बन सकता है। आइए जान लें इनके बारे में।
स्टेरॉयड्सः अस्थमा और आर्थराइटिस जैसी बीमारियों में डॉक्टर जरूरत पड़ने पर ये दवाएं देते हैं। ये दवाएं भूख बढ़ाती हैं और रक्त में ग्लूकोज का स्तर भी बढ़ाती हैं। इनसे मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया बाधित होती है, वजन बढ़ता है और डायबिटीज भी हो सकता है।
गर्भ निरोधक गोलियांः कुछ गर्भ निरोधक गोलियों के कारण भी वजन बढ़ सकता है। इनमें मौजूद प्रोजेस्ट्रॉन और एस्ट्रोजन हार्मोन के साइड इफेक्ट से शरीर में तरल बढ़ने की समस्या होती है, जिससे महिलाओं का वजन बढ़ता है। लेकिन सारी बर्थ कंट्रोल पिल्स एक जैसी नहीं होती हैं। किसी दवा से ऐसा हो, तो चिकित्सक की सलाह से दवा बदल सकते हैं।
डिप्रेशनरोधी दवाएं: एंटीसाइकोटिक दवाओं में ऐसे केमिकल्स होते हैं, जो शरीर और ब्रेन को तनावमुक्त कर देते हैं। इन दवाओं के सेवन से नींद ज्यादा आती है, इसलिए मरीज का वजन बढ़ने लगता है।
मल्टी विटामिन दवाएंः बिना जरूरत अपनी मर्जी से विटामिन की गोलियां लंबे समय तक लेने से मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया ज्यादा एक्टिव हो जाती है। नतीजतन भूख ज्यादा लगने लगती है। ऐसे में व्यक्ति ज्यादा खाता है और मोटा हो जाता है।
बीपी कंट्रोलर पिल्सः हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों को रोज इसे कंट्रोल करने की दवा लेनी पड़ती है। देवार कैलोरी बर्न करने की प्रक्रिया धीमी कर देती हैं और साथ ही वाटर रिटेंशन की समस्या भी बढ़ा देती हैं। इनकी वजह से भी मोटापा आ सकता है।
हार्मोन सप्लीमेंट्सः कुछ महिलाओं में हार्मोन संतुलन के लिए हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी का इस्तेमाल किया जाता है। इससे भूख बढ़ती है और वाटर रिटेंशन की भी समस्या होती है। इससे शरीर में वसा जमा होने लगती है।
इनके अलावा अपने मन से ज्यादा एंटीबायोटिक्स लेने, माइग्रेन की दवाएं खाने या डायबिटीज की कुछ दवाएं लेने से भी मोटापे की समस्या हो सकती है।
(जनरल फिजिशियन डॉ. विकास अग्रवाल से बातचीत पर आधारित)
सांभर: अंजू जैन