BJP committee on violence in West Bengal: पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने एक 4 सदस्यों की कमेटी गठित की है। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने शनिवार 15 जून, को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इसकी जानकारी दी। सिंह ने पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि भारत के 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव और तीन राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए हैं, लेकिन पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हिंसा की घटनाएं हो रही हैं।
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हिंसा पर बनी मूकदर्शक
अरुण सिंह ने बताया कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मूकदर्शक बनी हुई हैं, जबकि उनकी पार्टी के अपराधी विपक्षी कार्यकर्ताओं और मतदाताओं पर हमले कर रहे हैं और उन्हें डरा-धमका रहे हैं। कोलकाता उच्च न्यायालय ने भी इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए सीएपीएफ की तैनाती 21 जून तक बढ़ा दी है और मामले की आगे की समीक्षा के लिए 18 जून को सुनवाई की तिथि निर्धारित की है।
हिंसा का जायजा लेने के लिए गठित समिति में 4 सांसद
भाजपा ने पश्चिम बंगाल में हो रही राजनीतिक हिंसा की घटनाओं का जायजा लेने के लिए एक समिति का गठन किया है। यह समिति शीघ्र ही पश्चिम बंगाल का दौरा करेगी और घटनाओं की पूरी रिपोर्ट पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जेपी नड्डा को सौंपेगी। इस समिति में सांसद, विप्लब कुमार देब, रविशंकर प्रसाद,बृजलाल और कविता पाटीदार को शामिल किया गया है।
हिंसा की घटनाओं को गहराई से जांच करेगी यह कमेटी
भाजपा ने पश्चिम बंगाल में हो रही हिंसा को गंभीरता से लिया है और राज्य में शांति और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने का आग्रह किया है। पार्टी ने यह सुनिश्चित करने का वादा किया है कि दोषियों को न्याय के कठघरे में लाया जाएगा और हिंसा पीड़ितों को न्याय दिलाया जाएगा। यह समिति हिंसा की घटनाओं की गहराई से जांच करेगी और राष्ट्रीय अध्यक्ष को पूरी रिपोर्ट सौंपेगी, ताकि आगे की जरूरी कार्रवाई की जा सके।