Budget session: संसद का बजट सत्र शनिवार को खत्म हो रहा है। आज यानी 10 फरवरी को लोकसभा और राज्यसभा में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा पर चर्चा हो रही है। मोदी सरकार ने राम मंदिर (Ram Mandir) पर धन्यवाद प्रस्ताव रखा है। लोकसभा में चर्चा के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि राम के बिना देश की कल्पना नहीं की जानी चाहिए। 22 जनवरी का दिन देश के लिए ऐतिहासिक दिन था जब 1528 से चल रही राम मंदिर के लिए लड़ाई पूरी हुई। रामदेश के जनमानस के प्राण हैं।
भगवान राम का जीवन कई प्रेरणा देता है
अमित शाह ने कहा कि भगवान राम का जीवन कई प्रेरणा देता है। उन्होंने बाल्यकाल में गुरुकुल को बचाने के लिए राक्षसों को वध किया। नारियों को सम्मान दिया। वानर, रीछ, गिलहरी और वनवासियों सभी को एक साथ मिलकर चले। जो राम के बिना देश की कल्पना करते हैं, वह देश को नहीं जानते। वह अभी भी अंग्रेजी हुकूमत का प्रतिनिधित्व करते हैं।
पीएम मोदी ने पूर्व सरकारों का खोदा गड्ढा भरा
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी काफी संयमित भाव से राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल हुए। वह 11 दिनों तक राम भक्ति में डूब गए। उन्होंने अच्छे समय में भी किस तरह से समय रखा जाए इसका उदाहरण पेश किया है। प्रधानमंत्री मोदी के 10 सााल के कार्यकाल में कई पड़ाव आए। जो गड्ढा ये खोद कर गए थे उसे ठीक करना कोई राम मंदिर के आंदोलन से कम नहीं था। देश को आर्थिक तौर पर कमजोर कर दिया गया था, इसे बाहर निकाला गया।
राम हमारे पूर्वज: मलिक
लोकसभा में बीजेपी सांसद सत्यपाल मलिक ने चर्चा की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि राम हमारे पूर्वज हैं। वे सिर्फ हिंदुओं के नहीं सभी के हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम 5 बजे चर्चा में शामिल हो सकते हैं।
दूसरी ओर, उच्च सदन यानी राज्यसभा में व्हाइट पेपर (श्वेत पत्र) को लेकर भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी और प्रकाश जावड़ेकर चर्चा की शुरुआत करेंगे। इस दौरान सत्तारूढ़ दल के नेता देश के नागरिकों के जीवन में आए बदलाव पर प्रकाश डालेंगे।
बजट सत्र में सदन की कार्यवाही एक दिन के बढ़ी
लोकसभा में नियम 193 के तहत राम मंदिर को लेकर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा सुबह 11 बजे शुरू होगी। भाजपा ने अपने सभी सांसदों को व्हिप जारी किया है। राज्यसभा के नियम 176 के तहत राम मंदिर पर दोपहर 2 बजे के बाद चर्चा होगी। वर्तमान एनडीए सरकार में यह संसद का आखिरी सत्र है। इसके बाद अप्रैल-मई में देश में लोकसभा चुनाव होंगे। बता दें कि साल 2024 के लिए बजट सत्र 31 जनवरी से 9 फरवरी तक शेड्यूल था, लेकिन इसे एक दिन के लिए 10 फरवरी तक बढ़ाया गया है।
सरकार ने पेश किया है 60 पेज का श्वेत पत्र
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को 60 पेज का श्वेत पत्र लोकसभा और राज्यसभा में पेश किया था। उन्होंने दावा किया कि यूपीए सरकार में बैंकिंग संकट को सबसे बड़ी नाकामियों के तौर पर देखा जाता है। 2004 में सत्ता में आने के बाद यूपीए सरकार विकास की नींव मजबूत नहीं सकी। जिसकी शुरुआत पूर्व की एनडीए सरकार कर चुकी थी। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में लिए गए सुधारों के फैसलों के असर से 2004 से 2008 के बीच देश की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ी थी। श्वेत पत्र में यह भी जिक्र है कि 2जी स्पैक्ट्रम घोटाला, कोयला घोटाला और कॉमनवेल्थ घोटाले की वजह से देश की छवि धूमिल हुई।
कांग्रेस ने श्वेत पत्र को ब्लैक वॉश बताया
वित्त मंत्री की ओर से पेश किए गए श्वेत पत्र को लेकर कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने पटलवार किया। शुक्रवार को चर्चा के दौरान उन्होंने कहा कि व्हाइट पेपर सत्तारूढ़ दल का एक चुनावी घोषणा पत्र और ब्लैक वॉश है। दूसरी ओर 'श्वेत पत्र' पर कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा- ''आपको (भाजपा) 'श्वेत पत्र' क्यों लाना पड़ा जबकि ED और CBI पहले से ही मौजूद हैं, वह चुनाव से पहले। ताकि लोगों को दोबारा गुमराह किया जाए। लोग समझते हैं कि किस समय क्या किया जाता है।"