India Maldives trade: तनावपूर्ण संबंधों के बावजूद भारत मालदीव के साथ व्यापार जारी रख रहा है। भारत ने चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत ने कुछ जरूरी सामानों को मालदीव एक्सपोर्ट करने पर लगा प्रतिबंध वापस ले लिया है। यह कदम दोनों देशों के बीच हालिया तनाव के बीच उठाया गया है। इससे पहले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत के दौरे पर आने से इनकार कर दिया था।
मालदीव ने चीन से मांगी थी मदद
मालदीव के राष्ट्रपति ने चीन जाकर मदद के हाथ फैलाए थे। हालांकि, जरूरी सामान की कमी महसूस हुई तो भारत से इन चीजों पर लगा एक्सपोर्ट हटाने की अपील की थी। अब भारत ने दरियादिली दिखाते हुए इन वस्तुओं पर लगा एक्सपोर्ट बैन हटाने को मंजूरी दे दी है। मालदीव स्थित भारतीय उच्चयोग ने इस बात की पुष्टि की है। एक निश्चित मात्रा में इन वस्तुओं को मालदीव एक्सपोर्ट किया जा सकेगा।
निर्यात सूची में शामिल चीजें
विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने घोषणा की है कि मालदीव को अंडे, आलू, प्याज, चावल, गेहूं का आटा, चीनी, दाल, स्टोन एग्रीगेट और नदी की रेत जैसी विभिन्न जरूरी चीजें शामिल हैं।अब साल 2024-25 के लिए हुए द्विपक्षीय व्यापार समझौते के मुताबिक, इन चीजों को मालदीव एक्सपोर्ट किया जा सकेगा। इनमें से कुछ चीजों ऐसी हैं जिनके एक्सपोर्ट पर भारत ने देश में कीमतों को नियंत्रित करने के मकसद से राेक लगा रखी है। हालांकि, इस समझौते के बाद अब मालदीव को प्रतिबंधित जरूरी सामानों को भी निर्यात किया जा सकेगा।
भारत का विरोध कर रही मालदीव सरकार
मालदीव की मौजूदा सरकार सत्ता में आने के बाद से ही लगातार भारत का विरोध कर रही है। इसने मालदीव में बने भारतीय सैनिक बेस को हटाने का दबाव बनाया है। इसमें राष्ट्रपति मुइज्जू की भूमिका अहम मानी जा रही है। मुइज्जू को चीन का समर्थक माना जाता है। मालदीव की कई पार्टियां राष्ट्रपति मुइज्जू के कदमों के खिलाफ नाराजगी जाहिर कर चुकी हैं।