555th Prakash Parv: सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी की 555वीं जयंती 15 नवंबर 2024, शुक्रवार को पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाई जा रही है। कार्तिक पूर्णिमा के इस पावन दिन को प्रकाश पर्व के रूप में मनाने की परंपरा है। इस अवसर पर देश और दुनिया के विभिन्न गुरुद्वारों में कीर्तन, समागम और नगर कीर्तन आयोजित किए जाते हैं।
श्री गुरु नानक देव जी का जन्म 15 अप्रैल 1469 को तलवंडी नामक स्थान पर हुआ था, जिसे अब ननकाना साहिब के नाम से जाना जाता है और यह पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित है। उनके माता-पिता का नाम मेहता कालू और तृप्ता देवी था। उनके दो पुत्र श्रीचंद और लक्ष्मीदास थे। गुरु नानक जी का जीवन और उनके उपदेश मानवता के लिए आज भी प्रेरणास्त्रोत हैं। इस पावन अवसर पर आइए जानते हैं भारत के 10 ऐसे प्रमुख गुरुद्वारे, जहां गुरु नानक देव जी की असीम कृपा और सिख संगत की गहरी आस्था देखने को मिलती है।
1) स्वर्ण मंदिर, अमृतसर (पंजाब)
श्री हरमंदिर साहिब के नाम से प्रसिद्ध यह गुरुद्वारा सिख धर्म का प्रमुख धार्मिक स्थल है। इसकी दीवारें सोने की परत से सजी हैं, और यह शिल्प सौंदर्य का अनूठा उदाहरण है। गुरुद्वारे की नींव सूफी संत साईं मियां मीर जी ने रखी थी। यहां का सरोवर और अकाल तख्त विशेष रूप से श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं।
2) श्री हेमकुंड साहिब, उत्तराखंड
चमोली जिले में समुद्र तल से 4329 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह गुरुद्वारा सिखों के दसवें गुरु गोबिंद सिंह जी की तपोस्थली है। यहां के अमृत सरोवर और बर्फीली चोटियां इसे सिख समुदाय के लिए पवित्र स्थान बनाती हैं।
3) शीशगंज गुरुद्वारा, दिल्ली
चांदनी चौक में स्थित इस गुरुद्वारे का निर्माण सिख धर्म के नौवें गुरु तेग बहादुर की शहादत की याद में किया गया था। यह स्थल उनकी अदम्य साहस और धर्मनिष्ठा का प्रतीक है।
4) फतेहगढ़ साहिब, पंजाब
यह गुरुद्वारा गुरु गोबिंद सिंह जी के पुत्रों साहिबजादा फतेह सिंह और जोरावर सिंह की शहादत की स्मृति में बनवाया गया था। यहां की वास्तुकला और ऐतिहासिक संरचनाएं अद्भुत हैं।
5) गुरुद्वारा बंगला साहिब, दिल्ली
राजा जय सिंह द्वारा बनवाया गया यह गुरुद्वारा सिखों के आठवें गुरु हरकिशन सिंह जी के चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है। यहां का सरोवर भक्तों के लिए विशेष आस्था का केंद्र है।
6) हजूर साहिब, नांदेड़ (महाराष्ट्र)
यह गुरुद्वारा गुरु गोबिंद सिंह जी की अंतिम विश्राम स्थली है। यहां पर गुरु गोबिंद सिंह जी ने सिखों को आदेश दिया था कि गुरु ग्रंथ साहिब को ही आगे से गुरु माना जाए।
7) पांवटा साहिब, हिमाचल प्रदेश
सिरमौर जिले में स्थित यह गुरुद्वारा गुरु गोबिंद सिंह जी की चार वर्षों की तपस्या का स्मारक है। यहां दसम ग्रंथ की रचना की गई थी।
8) तख्त श्री दमदमा साहिब, पंजाब
बठिंडा के तलवंडी साबो में स्थित यह गुरुद्वारा सिख धर्म के पवित्र पांच तख्तों में से एक है। यहां गुरु गोबिंद सिंह जी ने गुरु ग्रंथ साहिब के पूर्ण संस्करण को तैयार किया था।
9) श्री पटना साहिब, बिहार
गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म स्थान पटना साहिब सिख धर्म का प्रमुख तीर्थस्थल है। यहां गुरु गोबिंद सिंह जी के जीवन से जुड़े कई ऐतिहासिक अवशेष सुरक्षित हैं।
10) गुरुद्वारा मणिकरण साहिब, हिमाचल प्रदेश
कुल्लू जिले की पार्वती घाटी में स्थित यह गुरुद्वारा गुरु नानक देव जी के चमत्कारों के लिए प्रसिद्ध है। यहां के गर्म झरने और शांत वातावरण श्रद्धालुओं को आकर्षित करते हैं।
इस प्रकाश पर्व पर, देश के इन पवित्र गुरुद्वारों में जाकर गुरु नानक देव जी की असीम कृपा का अनुभव करें और उनकी शिक्षाओं को जीवन में अपनाने का संकल्प लें।