crops damaged due to rain and hailstorm: देश के उत्तरी इलाके में पिछले दो दिन से मौसम का मिजाज बदला हुआ है। तेज बारिश और ओलावृष्टि से कई फसलों को काफी नुकसान हुआ है। खेतों में लहलहाती फसल जमीन पर पसर गई है। तो कुछ जगह कटाई के लिए तैयार चना मसूर और सरसों की फसल पर ओले गिर गए। माघ के महीने में हुई इस बेमौसम बारिश से मध्य प्रदेश महाराष्ट्र से लेकर उत्तर प्रदेश तक किसान परेशान है। उन्हें अब सरकार से राहत राशि  की उम्मीद है। मप्र सरकार ने सर्वे कराने के आदेश भी दे दिए हैं। 

भोपाल, सतना और होशंगाबाद सहित 10 जिलों ओले गिरे 
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल और सतना सहि प्रदेश के 10 जिलों में मंगलवार को तेज बारिश हुई है। इस दौरान आंधी चली और ओले गिरे। इससे फसलों को काफी नुकसान हुआ है। बैतूल होशंगाबाद और छिंदवाड़ा जिलों के कई गांवों में फसलें खेतों में पसर गई हैं। किसानों ने कहीं 30 तो कहीं 50 फीसदी तक नुकसान बताया है। मंगलवार को छतरपुर के नौगांव और सतना में एक इंच पानी गिरा है। जबकि, रीवा में पौन इंच। रायसेन भोपाल और सीधी, शाजापुर, उज्जैन व खजुराहो में भी बारिश हुई है। मौसम विभाग ने आज भी प्रदेश के कुछ इलाकों में आंधी-बारिश और ओले गिरने की आशंका जताई है। पचमढ़ी, शिवपुरी में काफी बारिश हुई है। खजुराहो, इटारसी, डोलरिया, पतलई और सिवनी मालवा व हरसूद में ओले से फसलों को काफी नुकसान है। 

महाराष्ट्र में ओलावृष्टि के बाद जमीन पर पड़े संतरे।

महाराष्ट्र में चना गेहूं और प्याज की फसल को नुकसान, आम के और झड़े  
महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को काफी नुकसान हुआ है। किसानों ने बताया कि गेहूं-प्याज़ और सब्जी समेत अन्य फसलें एक बार फिर बेमौसम बारिश की भेंट चढ़ गईं। बुलढाणा जिले के संग्रामपुर, शेगांव, नांदुरा तालुका और जलगांव जामोद गांव में किसानों ने गेहूं और चने की कटाई शुरू कर दी थी। खेतों में कटी हुई फसल पड़ी थी, लेकिन पिछले दिनों तेज़ हवा के साथ हुई बारिश ने सब बर्बाद कर दिया। अकोला जिले में बारिश और ओले से प्याज गेहूं व ज्वार सहित अन्य फसलों को नुकसान हुआ है। तेज आंधी व ओलीवृष्टि से आम के बौर भी झड़ गए, जिस कारण उनका उत्पादन घटने की आशंका है। तेल्हारा तहसील में बड़े-बड़े पेड़ गिर गए, जिस कारण यातायात प्रभावित हुआ। बिजली के खंभे गिर जाने से कई गांवों की बिजली बंद रही। किसान परेशान हैं।