Kolkata torch Rally: कोलकाता ट्रेनी डॉक्टर रेप मर्डर के खिलाफ शुक्रवार को हजारों लोगों ने मशाल रैली निकाली। यह रैली 42 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए हाइलैंड पार्क से श्यामबाजार तक गई। लोगों ने हाथों में जलती हुई मशालें थामे नारेबाजी की और पीड़िता के लिए न्याय की मांग की। इस रैली में समाज के विभिन्न वर्गों के लोग शामिल थे, जिनमें डॉक्टर, वैज्ञानिक, आईटी पेशेवर, प्रोफेसर, और विकलांग व्यक्तियों की संगठनों के सदस्य भी थे।

 फुटबॉल क्लब भी रैली में हुए  शामिल
यहां तक कि कोलकाता के प्रतिद्वंद्वी फुटबॉल क्लब मोहन बागान और ईस्ट बंगाल ने भी इस रैली में भाग लिया। शाम 4 बजे शुरू हुई यह रैली आधी रात को समाप्त हुई। रैली के दौरान लोग सिर्फ मशाल ही नहीं, बल्कि अपने मोबाइल फ्लैशलाइट भी जला कर एकजुटता दिखा रहे थे। लोगों ने नारेबाजी करते हुए पीड़िता के लिए न्याय की मांग की। कई लोग तिरंगा भी लहरा रहे थे। 

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वरिष्ठ नागरिकों की भी रही भागीदारी 
रैली में भाग लेने वाले एक सेवानिवृत्त शिक्षक ने बताया कि वह अपनी बीमारियों के बावजूद अपने तीसरे मंजिल के अपार्टमेंट से नीचे उतर कर इस रैली में शामिल हुए। उन्होंने कहा, "वह डॉक्टर मेरी पोती जैसी थी। मैं चाहता हूं कि किसी और पोती के साथ ऐसा न हो।"कोलकाता के डॉक्टरों ने शुक्रवार को अपनी 41 दिन लंबी हड़ताल खत्म कर दी है। डॉक्टर सरकारी अस्पतालों में सेवाएं शुरू कर दी है। हालांकि, डॉक्टरों ने यह भी साफ कर दिया कि जब तक मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनकी पांच प्रमुख मांगों को पूरा नहीं करतीं, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा। 

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सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 27 सितंबर को
डॉक्टरों ने राज्य सरकार को निर्देशों को लागू करने के लिए सात दिन का अल्टीमेटम दिया है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई 27 सितंबर को करेगा। इससे पहले, राज्य के मुख्य सचिव मनोज पंत ने स्वास्थ्य प्रणाली की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 10 बिंदु निर्देश जारी किए थे। इस मामले की पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच के लिए सीबीआई को और समय देने की इजाजत दी थी।