PM Modi on Emergency: आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। प्रधानमंत्री ने कहा कि आपातकाल के काले दिन हमें याद दिलाते हैं कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने भारत के संविधान और बुनियादी आजादी काे कुचला।
आपातकाल के काले दिन को याद रखेगा देश
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने कहा कि आज उन सभी महान पुरुषों और महिलाओं को श्रद्धांजलि देने का दिन है जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया। आपातकाल के काले दिन हमें याद दिलाते हैं कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने बुनियादी आजादी को नष्ट किया और भारत के संविधान को रौंद दिया, जिसका हर भारतीय बहुत सम्मान करता है।
Today is a day to pay homage to all those great men and women who resisted the Emergency.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2024
The #DarkDaysOfEmergency remind us of how the Congress Party subverted basic freedoms and trampled over the Constitution of India which every Indian respects greatly.
कांग्रेस ने आपातकाल में देश को जेल बना दिया
उन्होंने आगे कहा कि तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने सत्ता में बने रहने के लिए हर लोकतांत्रिक सिद्धांत की अवहेलना की और देश को जेल बना दिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस से असहमत होने वाले हर एकव्यक्ति को प्रताड़ित और परेशान किया गया। सबसे कमजोर वर्गों को निशाना बनाने के लिए समाज को पीछे धकेलने वाली नीतियां लागू की गईं।
पीएम मोदी ने कहा कि आपातकाल लगाने वालों को हमारे संविधान के प्रति अपने प्रेम का दावा करने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा, "ये वही लोग हैं जिन्होंने अनगिनत मौकों पर अनुच्छेद 356 लगाया, प्रेस की स्वतंत्रता को खत्म करने वाला विधेयक पारित किया और संविधान के हर पहलू का उल्लंघन किया।"
उन्होंने आगे कहा कि भारत की जनता ने कांग्रेस को बार-बार नकारा है। "जिस मानसिकता के कारण आपातकाल लगाया गया, वह उसी पार्टी में बहुत ज़्यादा जीवित है जिसने इसे लगाया। वे अपने दिखावे के ज़रिए संविधान के प्रति अपने तिरस्कार को छिपाते हैं, लेकिन भारत की जनता ने उनकी हरकतों को समझ लिया है और इसीलिए उन्होंने उन्हें बार-बार नकारा है।"
भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने भी अपने विचार साझा किए। नड्डा ने कहा, "25 जून, 1975 - यह वह दिन है जब कांग्रेस पार्टी के राजनीतिक रूप से प्रेरित आपातकाल लगाने के फैसले ने हमारे लोकतंत्र के स्तंभों को हिला दिया और डॉ. अंबेडकर द्वारा दिए गए संविधान को रौंदने की कोशिश की।"
राजनाथ सिंह ने कहा, "अगर आज भी इस देश में लोकतंत्र जिंदा है, तो इसका श्रेय उन लोगों को जाता है, जिन्होंने लोकतंत्र को बहाल करने के लिए संघर्ष किया, जेल गए और इतनी शारीरिक और मानसिक यातनाएं झेलीं।"
आज के ठीक 49 साल पहले भारत में तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा आपातकाल लगाया गया था। आपातकाल हमारे देश के लोकतंत्र के इतिहास का वह काला अध्याय है जिसे चाह कर भी भुलाया नहीं जा सकता। सत्ता के दुरुपयोग, और तानाशाही का जिस तरह खुला खेल उस दौरान खेला गया, वह कई राजनीतिक दलों की…
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) June 25, 2024
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी कहा, "आपातकाल की घोषणा की वर्षगांठ पर, भारतीय लोकतंत्र के लिए काले दौर और उस चुनौती का विरोध करने वालों द्वारा दिखाए गए साहस को याद करें।"
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
कांग्रेस पार्टी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि आपातकाल के दौर से पार्टी ने सीखा और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। पार्टी ने कहा कि वर्तमान सरकार भी लोकतांत्रिक सिद्धांतों का पालन नहीं कर रही है और विरोधी आवाजों को दबा रही है।