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Delhi Excise Policy Case: दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (AAP) को भी आरोपियों की लिस्ट में शामिल कर लिया।

Delhi Excise Policy Case: दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जांच का दायरा बढ़ते हुए आम आदमी पार्टी (AAP) को भी आरोपियों की लिस्ट में शामिल कर लिया। लाइव लॉ की रिपोर्ट में कहा गया है कि अभियोजन पक्ष ने शुक्रवार को एक शिकायत दर्ज की, जिसमें अरविंद केजरीवाल के राजनीतिक दल को आरोपी बनाया गया है। बीते बुधवार को मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान जांच एजेंसी ने आप को आरोपी बनाने की बात कही थी।

बता दें कि इस मामले में ईडी की टीम ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को मार्च में गिरफ्तार किया था। 51 दिन तिहाड़ जेल में रहने के बाद उन्हें सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली है। शीर्ष अदालत ने उन्हें लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए राहत दी है। अब केजरीवाल को लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण में 1 जून को वोटिंग के अगले दिन यानी 2 जून को सरेंडर करना होगा।

पहली बार कोई पॉलिटिकल पार्टी बनी आरोपी
इससे पहले ईडी ने मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट को बताया था कि जांच एजेंसी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में AAP को बतौर आरोपी शामिल करेगी और मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के प्रावधानों के तहत पार्टी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेगी। AAP नेता और दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान ईडी ने यह जानकारी कोर्ट को दी थी। बता दें कि एक्साइज पॉलिसी से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीएम अरविंद केजरीवाल और आप सांसद संजय सिंह को जमानत मिल चुकी है। 

ED मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच कर रही
बता दें कि ED दिल्ली में हुए इस कथित घोटाले के मनी लॉन्ड्रिंग एंगल की जांच कर रही है। बीते हफ्ते ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में AAP के अध्यक्ष और दिल्ली के सीएम को चुनाव प्रचार में शामिल होने के लिए अंतरिम जमानत दी है। बीते साल अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में AAP को आरोपी बनाने का सवाल उठाया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर शराब नीति के लिए मिली रिश्वत से पार्टी को फायदा हुआ तो AAP को ED ने आरोपी क्यों नहीं बनाया?

पार्टी को आरोपी बनाने पर SC ने किए थे सवाल
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एसवी भट्टी की बेंच ने बीते साल शराब नीति मामले पर सुनवाई करते हुए ईडी से कहा था कि जहां तक प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की बात है तो आपका पूरा केस इस पर है कि लाभ एक पॉलिटिकल पार्टी को हुआ। अभी तक इस पॉलिटिकल पार्टी को न तो आरोपी बनाया गया और न ही पक्षकार बनाया गया। आप इसका जवाब कैसे देंगे? आपके मुताबिक इस केस में बेनिफिशियरी पॉलिटिकल पार्टी है।

AAP को आरोपी बनाने में था कानूनी पेंच?
इसके अलगे ही दिन कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि सवाल किसी पॉलिटिकल पार्टी को इस मामले में फंसाने के लिए नहीं था बल्कि यह एक कानूनी सवाल था। अफसर कह रहे हैं कि जांच एजेंसी पॉलिटिकल पार्टी को एक कंपनी की तरह मान रही है। इस तर्क के मुताबिक, अरविंद केजरीवाल इस कंपनी के CEO होंगे। अगर ऐसा होता है ED को इस मामले की जांच को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसकी बड़ी वजह यह है कि  PMLA के तहत कंपनी की परिभाषा को व्यापक रूप में यानी कि विस्तार में बताया गया है।

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