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Chandigarh Budget 2024-25: चंडीगढ़ प्रशासन ने बजट बैठक को रद्द कर दिया था। बावजूद इसके नए मेयर कुलदीप कुमार नगर निगम कार्यालय पहुंचे और 2500 करोड़ का बजट पेश कर दिया। ऐसे में सियासी घमासान बढ़ना तय है।

चंडीगढ़ नगर निगम का कार्यालय राजनीतिक अखाड़ा बन चुका है। पहले जहां मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर को लेकर आप-कांग्रेस और बीजेपी के बीच चुनावी घमासान देखने को मिला था, वहीं अब तीनों चुनाव होने के बाद भी सियासी खींचतान थमने का नाम नहीं ले रही। यही कारण है कि बीजेपी की गैरमौजूदगी में आप-कांग्रेस गठबंधन के नए मेयर कुलदीप कुमार ने साल 2024-25 के लिए 2500 करोड़ रुपये का बजट पेश कर दिया। हालांकि यूटी प्रशासन ने पहले ही मेयर समेत सभी पार्षदों को यह जानकारी दे दी थी कि बजट बैठक रद्द की जा रही है। बावजूद इसके मेयर के साथ आप और कांग्रेस के सभी पार्षद नगर निगम कार्यालय पहुंच गए, लेकिन बीजेपी का एक भी पार्षद नहीं पहुंचा। इस खबर से जुड़ी तमाम अपडेट्स के लिए जुड़े रहिये...

आप-कांग्रेस ने भाजपा के खिलाफ की नारेबाजी 

सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की थी। इससे आम आदमी पार्टी और कांग्रेस खासी नाराज थी। इस चुनाव के विरोध में आज गठबंधन के सभी पार्षद बीजेपी के खिलाफ नारेबाजी वाली तख्तियां लेकर पहुंचे। बीजेपी के खिलाफ धांधली करने के आरोप लगाए। मेयर कुलदीप कुमार जहां बजट पेश कर रहे थे, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस-आप के पार्षद तख्तियां लहरा रहे थे। 

यूटी प्रशासन ने बैठक को रद्द कर दिया

चंडीगढ़ बीजेपी का आरोप है कि बजट बैठक सीधे बुला ली गई है, जबकि नगर निगम के नियम कहते हैं कि फाइनेंस एंड कॉन्ट्रेक्ट कमेटी में चर्चा के बिना बजट को सीधे सदन में नहीं लाया जा सकता है। बीजेपी पार्षदों ने कहा कि इसी वजह से हमने बजट बैठक से दूरी बनाई है, लेकिन आप-कांग्रेस मनमानी राजनीति कर रही है। उन्होंने नए मेयर कुलदीप कुमार से इस्तीफे की मांग भी दोहराई है। 

मेयर कुलदीप कुमार बोले- बीजेपी के आरोप बेबुनियाद 

चंडीगढ़ के नए मेयर कुलदीप कुमार का कहना है कि हमने पहले ही नोटिस जारी किया था कि हम किस दिन बजट पेश करेंगे। बीजेपी अब बेबुनियाद आरोप लगा रही है। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य चंडीगढ़ का विकास करने का है। जब से मेयर चुना गया हूं, डंपिंग ग्राउंड को साफ करना मेरी प्राथमिकता रही है। उन्होंने कहा कि इसका 70 हिस्सा पहले ही साफ हो चुका है। नीचे सुनिये उनका पूरा बयान...

कानूनी राय लेने के बाद रद्द की गई थी बैठक 

उधर, बीजेपी का कहना है कि मेयर ने बजट बैठक बुलाई थी, उस वक्त ही आपत्ति जता दी गई थी। इसके बाद प्रशासन ने कानूनी राय लेने के बाद इस बैठक को रद्द करने का फैसला लिया गया था। इस बजट बैठक में सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर समेत बीजेपी के सभी पार्षद शामिल नहीं हुए। इसके अलावा अकाली दल से पार्षद ने भी बैठक में हिस्सा नहीं लिया। 

 

 

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